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Sunday, December 13, 2015

Man Sleep after SEX

SHADI KI PEHLI RAAT...!!!

Al-Quran's photo.
* SUHAG RAAT ke aadab ¤
jab dulha dulhan ke kamre me jaye to sabse pehle salam kare aur tanhai ho to behtar ye hai ki sabse pehle dulha dulhan wuzoo karle aur fir 2 rakat nafil namaz shukrana padhe.
namaz ki niyat : niyat ki maine 2 rakat namaz nafil shukrane ki waste ALLAH ta'ala ke rukh mera kaaba sharif ke taraf Allaho Akbar.
fir humesha jaise namaz padhte ho waise hi namaz padhe aur is tarah duwa kare
aye ALLAH tera shukra aur ehsan hai ki tune hume ye din dikhaya aur hume is khushi wa ne'amat se nawaza aur hume apne HABIB sallallaho alayhi wasallam ki sunnat par amal karne ki taufiq ata farmayi.
aye Allah humari is khushi ko humesha isi tarah kayam rakh. hume mel-milap pyar muhabbat ke sath zindagi gujarne ki taufiq ata farma.
ae Rabbe Qadir hume nek farmabardar aulad ata farma. AAMIN
(Gunyatuttalebin : jild-5,page-115)
Hazrat Abdullah ibne Masud radiallahu ta'ala anhu farmate hai : ek shaks ne bayan kiya ki maine ek jawan ladki se nikah kar liya hai aur muje dar hai ki wo muje pasand nahi karegi.
Hazrat Abdullah bin Masud ne farmaya : mohabbat Allah ki taraf se hoti hai aur nafrat shaitan ki taraf se.
jab tum biwi ke paas jao to sabse pehle use kaho ki woh tumhare piche 2 rakat namaz padhe.
(Gunyatuttalebin : jild-5,page-115)
namaz aur fir uske bad duwa padh lene ke bad dulha dulhan palang par sukun se baith jaye fir uske bad dulha apni dulhan ki peshani ke thode baal apne sidhe hath me narmi ke sath mohabbat bhare andaz me pakade aur ye duwa padhe :
Hazrat Amra bin Aas radiallahu anhu se riwayat hai ke Sarkare Madina sallallaho alayhi wasallam ne irshad farmaya : jab koi shaks nikah kare aur pehli raat (suhag raat) ko apni dulhan ke paas jaye to narmi ke sath uski peshani ke thode se baal apne sidhe hath me le kar yah duwa padhe : Allahumma inni as aluka min khaireh wa khairem jabalth alayhi wa auzoo beka min sharreh wa sharrem jabalth alayhi.
tarjuma : aye Allah me tujse iski (apni biwi ki) bhalai aur khairo barkat mangta hu aur uski fitari aadato ki bhalai aur teri panah chahta hu iski burai aur fitari aadato ki burai se.
(Abu Dawood : jild-2,page-150,
Hasne Hasin : page-164)
** ek badi galatfehmi **
kuch logo ka khayal hai ki jab aurat se pehli bar sohbat ki jaye to uski sharmgah se khoon kharij hona zaruri hai
ye khoon ka aana uske ba-ajmat pakdaman hone ka suboot samJHa jata hai. agar khoon nahi aaya to aurat badchalan aawara samjhi jati hai aur aurat ki sharafat aur ba-ajmat hone me shak kiya jata hai.
aaiye is masle ke bare me hum jante hai. kuwari ladkiyo ki sharmgah me thoda andar ek patali zilli hoti hai jisse parda-e-azmat ya parda-e-bakarat (hymen) kehte hai. iss zilli me chota sa surakh hota hai jiske zariye ladki ke balig hone par haiz (mahwari) ka khoon apne waqt par khariz hota rehta hai.
shadi ke bad jab mard pehli bar us ladki se sohbat karta hai to mard ke uzoo-e-tanasul ke uske takarane ki wajah se wo zilli fat jati hai. iss mauke par aurat ko thodi taklif hoti hai aur thoda sa khoon kharij hota hai fir yah zilli humesha ke liye khatam ho jati hai.
lekin ye zilli patli aur nazuk hoti hai to kahi martaba kisi ladaki ko ye kisi mamuli chot ya kisi hadse ki wajah se ya kabhi khud ba khud fat jati hai. lihaza agar aurat se sohbat ke dauran khoon na nikale to use aawara samajhna munasib na hoga jab tak ki mukammal sharai suboot na ho.
jiska parda-e-ajmat kudne,haiz aane ya zakhm ya umar zyada hone ki wajah se fat jaye wo aurat hakikat me bakirah (kuwari, pak daman) hai.
(Tanwirul Absar ; Fatwa-e-Razviya : jild-12, page-36)
NOTE ::
YE bahut hi pardhe ki baat hai jo hume post karne se pehle bhi kahi martaba sochna padha hai par BAS YE UN MARDO KE LIYE HAI (hamare pyare islami bhai ke liye hai jo bas ek choti si galatfehmi ke wajah se tallaq karte hai )
ye galatfehmi ke wajah se aaj bahut tallaq horahe hai miya biwi pe shak pehli hi rat se shuru kar deta hai khoon na ane ke wajah se.
PYARE ISLAMI BHAIYO Aysa na kariye AAPKI BIWI EK PAAK DAMAN aaurat hosakti hai ap khamakha uspe shak karke apni hi zindagi mei aag laga dete hai aur taallaq tak ka soch lete hai bechari us aaurat ki zindagi tho shuru se pehle hi khatam hojati hai.PLEASE iss galati ko samajiye aap sab ..!
PLEASE PLEASE PLEASE SHARE IT MORE AND MORE
AAP KE WAJAH SE bahut ghar ki aag aur jhagadhe sulaaj jayenge..aapke wajah se har ek mard iss chez pe dhan denga aur wo apni biwi pe shak na karenga ..kahi tallaq rukh sakte hai,,kahi zindagi khush haal hosakti hai ..!
PLEASE SHARE IT...!!
Admin
Yasin parekh..

SHADI KI PEHLI RAAT...!!!

लिंग बाहर खींच कर वीर्य स्खलन... जानिए, कुछ जरूरी बातें:


लिंग बाहर खींच कर वीर्य स्खलन' की गर्भ निरोधन प्रक्रिया के कई नाम हैं। और कई नामों के साथ साथ इसके जुडी उतनी ही गलत धारणाएं भी प्रचलित हैं। इस पौराणिक गर्भनिरोधन प्रणाली से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में आप यहाँ जान सकते हैं:

मिथ्या- लिंग बाहर निकाल कर वीर्य स्खलन गर्भ से बचने का अचूक तरीका है
ये तरीका साधारण है, स्खलन से ठीक पहले लिंग बाहर खींच लिया जाये ताकि योनि के अंदर वीर्य न पहुंचे। ये तरीका कारगर तो हो सकता है लेकिन सौ फीसदी कामयाब नहीं।

इस तरीके का प्रयोग सही तरीके से किया जाये तब भी 100 में से 4 महिलाओं को गर्भ ठहर ही जाता है। और जिन लोगों ने इस काम में दक्षता हासिल नहीं की है, उन लोगों में गर्भ ठहरने का हर साल का प्रतिशत 27 तक पाया गया। यदि पुरुष सही समय पर लिंग बाहर खींच भी ले तो भी गर्भ ठहरने की पूरी सम्भावना को नाकारा नहीं जा सकता क्यूंकि सेक्स के दौरान संभव है की थोड़ी मात्रा में वीर्य का रिसाव हो रहा हो और आप अनभिज्ञ हों। यही छोटी मात्रा का रिसाव गर्भ की वजह बन सकता है।

मिथ्या- लिंग बाहर निकल कर स्खलन करना आसान क्रिया है
यह सुनने में आसान भले ही लगता हो, लेकिन असल में उतना आसान नहीं है, खासकर उनके लिए जो हाल ही में ये तरीका अपनाने लगे हैं। इसके लिए दोनों साथियों में सही तालमेल की ज़रूरत होती है। अनचाहे गर्भ के खतरे से सुरक्षा के लिए ज़रूरी है की आप कोई और विश्वसनीय तरीका अपनाएं।

सही समय पर लिंग खींचना:

मिथ्या- सही समय पर लिंग खींच लेने के लिए पुरुषों पर भरोसा किया जा सकता है वो जोड़े जिनमें आत्म-नियंत्रण, अनुभव और विश्वास हो, इस तरीके का उपयोग सही तरीके से कर सकते हैं। अगर तीनो में से एक भी चीज़ की कमी हो तो बेहतर है की कोई और तरीका अपनाया जाये।

जो पुरुष इस तरीके का प्रयोग करते हैं, उन्हें इस बात का सही अंदाज़ा होना चाहिए की कब उनका स्खलन होने वाला है, क्यूंकि गलती की गुंजाइश बहुत काम है।

इसलिए यह तरीका अनुभवहीन या शीघ्रपतन से जूझ रहे पुरुषों के लिए उपयुक्त नहीं है। क्यूंकि अगर सही समय पर लिंग बाहर न निकला जाये तो गर्भ ठहर सकता है।

मिथ्या- लिंग बाहर निकाल कर स्खलन करना कारगर नहीं है
इस तरीके को अक्सर असरदार तरीका नहीं माना जाता जबकि सच ये है की 60 प्रतिशत जोड़ों ने इसका प्रयोग कभी न कभी ज़रूर किया है।

हालाँकि गटमाकर संस्थान, न्यूयॉर्क द्वारा की गयी रिसर्च से पता चलता है की अगर लिंग को सही समय बाहर निकाल लिया जाये तो अनचाहे गर्भ से 96 फ़ीसदी तक बचा जा सकता है। कंडोम की मदद से इस बचाव की संख्या है 98 फीसदी। ज़्यादा फर्क नहीं, है ना?

सही तरीके से अंजाम दिया जाये तो ये अवश्य एक कारगर तरीका हो सकता है। बात ये है की हर बार इसे सही अंजाम देना शायद आसान नहीं है। लेकिन फिर भी, कोई तरीका इस्तेमाल ना करने से बेहतर ये तरीका ही है।

मिथ्या- इसका प्रयोग सिर्फ गैर ज़िम्मेदार लोग करते हैं
हाल ही के एक अमरीकी अध्यन से पता चलता है की 5 फीसदी लोग गर्भ से बचाव के लिए केवल इसी तरीके का प्रयोग करते हैं, 15-44 साल की 60 फीसदी महिलाओं ने इस तरीके का इस्तेमाल कभी ना कभी किया है।

लिंग बाहर खींच कर वीर्य स्खलन...

कामसूत्र और युवा:


कामसूत्र की प्रासंगिकता तो हर समय बनी रहेगी। युवा पीढ़ी न केवल सेक्‍स पर बात करने को लेकर अधिक मुखर हो रही है, वहीं वह इससे जुड़ी रुढि़वादी सोच को भी छोड़ रही है। युवा सेक्‍स को केवल अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने भर का जरिया नहीं मानते हैं, बल्कि वे इसका भरपूर आनंद उठाते हैं। उन्‍हें सेक्‍स को लेकर नए-नए प्रयोग करने से भी गुरेज नहीं है। वे सेक्‍स को लेकर पहले से अधिक स्‍वच्‍छंद सोच रखने लगे हैं। कई सेक्‍स सर्वे लगातार इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि सेक्‍स को लेकर भारत की सोच बदल रही है। युवाओं के लिए अब शादी से पहले सेक्‍स भी गुनाह नहीं है। ऐसे में कामसूत्र की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है। कामसूत्र में सुरक्षित सेक्‍स के बारे में भी तफसील से बताया गया है। सेक्‍स करते हुए क्‍या-क्‍या सावधानियां बरती जाएं जिससे कि आप सुरक्षित आनंद उठा सकें, इस पर चर्चा की गयी है।

युवा और सेक्‍स-संबंध:

सेक्‍स कई युवाओं के लिए एक खेल की तरह हो गया है। जिसका आनंद दोनों मिलकर उठाते हैं। उनके लिए इस खेल में दोनों विजेता होते हैं। न कोई हारता है और न किसी की जीत होती है। अगर कहीं कोई 'हार' भी जाए तो वह अपनी हार पर भी आनंदित ही होता है। इस खेल की व्‍यावहारिक और उपयोगी नियम-पुस्तिका की तरह ही है कामसूत्र।

कामसूत्र के फायदे:

आधुनिक समय में युवाओं के बीच कामसूत्र की महत्ता बढ़ी है। पुराने जमाने में लोग कामसूत्र पर चर्चा करने से कतराते थे, लेकिन अब कामसूत्र को सेक्‍स के प्रति शिक्षित करने वाली पुस्‍तक के रूप में देखा जा रहा है। संभोग आसनों के बारे में अध्‍ययन करने से युवाओं को फायदा होगा और सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त गलतियां नही करेंगे। और सेक्‍स के चरमानंद की वास्‍‍तविक अनुभूति प्राप्‍त कर सकेंगे। कामसूत्र यह ज्ञान देता है कि कैसे एक अच्‍छा सेक्‍स संबंध जीवन पर सकारात्‍मक प्रभाव डालता है। सेक्‍स के दौरान दोनों साथियों की क्‍या भूमिका होनी चाहिए। पुरुष और स्‍त्री को सेक्‍स के दौरान किन बातों पर ध्‍यान रखना चाहिए।

कामसूत्र और युवा:

कामसूत्र है प्रेम का आधार:


कामसूत्र... यह नाम सुनते ही आपके मन-मस्तिष्‍क में सबसे पहला शब्‍द आता होगा सेक्‍स। लेकिन, क्‍या कामसूत्र को केवल सेक्‍स से जोड़कर देखना ठीक होगा। शायद नहीं... कामसूत्र जीवनशैली के बारे में बात करती है, न सिर्फ केवल सेक्‍स के बारे में। इसमें बताया गया है कि जीवनशैली किस तरह सेक्‍स जीवन को प्रभावित करती है।

आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी का असर वैवाहिक संबंधों पर भी पड़ा है। शारीरिक संसर्ग उत्‍साह और आनंद के लिए नहीं, अपितु केवल औपचारिकता के लिए किए जाने लगे हैं। तमाम सेक्‍स सर्वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि वैवाहिक जोड़ों में सेक्‍स के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही है। लेकिन, कामसूत्र के वास्‍तविक ज्ञान को अपने वैवाहिक जीवन में अपनाकर उसे हमेशा तरोताजा रखा जा सकता है।

कामसूत्र का अर्थ है सेक्‍स की सही जानकारी। सेक्‍स के बारे में समाज में व्‍याप्‍त मिथ और भ्रामक जानकारियों को दूर करने में भी कामसूत्र मदद करता है। कामसूत्र का मतलब केवल सेक्‍स संबंध ही जीवन नही है बल्कि पारिवारिक जीवन का सही तरीके से निर्वहन भी कामसूत्र है।

कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान पर भी विस्‍तार से चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि प्रेम और संभोग किस तरह एक दूसरे पर आश्रित हैं। कामसूत्र सिखाता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम।

प्रेम केवल मन या दिल में नहीं पनपता। यह शरीर में भी होता है। कामसूत्र में उन्‍होंने बताया है कि यदि स्त्री-पुरुष एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करना महत्‍वहीन है। प्रेम का आरंभ तो शरीर से ही होता है। पहले शरीर ही शरीर को देखता है। यदि पुरूष में पौरुषत्व है और स्‍त्री उसकी तरफ आकर्षित है तो एक दूसरे के मोहपाश से बचना असंभव है।

सेक्‍स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं। काम (सेक्‍स) के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बंधने को तैयार होते हैं। कामसूत्र में काम (सेक्‍स संबंध बनाने के तरीके) के विभिन्‍न प्रकार के आसनों के बारे में भी बताया गया है। कामसूत्र का उद्देश्‍य उत्तेजित करना नहीं वरन् सेक्‍स और उससे जुड़े मुद्दों पर सही ज्ञान देना है। इसमें संभोग के हर पहलू को विस्‍तार से वर्णित किया गया है।

कामसूत्र है प्रेम का आधार:

आज की इस तेज रफ्तार भरी जिंदगी में अगर पति-पत्नी दोनों कामकाजी हों तो एक-दूसरे के साथ बैठने और बातचीत के लिए भी समय निकालना मुश्किल हो जाता है। इसका सीधा असर पड़ता है उनकी सेक्स लाइफ पर।


नियमित सेक्स
यह सच है कि तनाव और थकान का पति-पत्नी के यौन जीवन पर बुरा असर पड़ता है, मगर वहीं यह भी सच है कि सेक्स ही आपके जीवन में पैदा होने वाले दबावों और परेशानियों से जूझने का टॉनिक भी बनता है। इसलिए कोशिश करें कि सप्ताह में तीन बार तक सेक्स संबंध जरूर बनाये, इससे आपकी सेक्स लाइफ मधुर होगी।

• रिश्तों में निकटता लाये
सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं सेक्स का असर आपसी रिश्तों पर भी पड़ता है। रिश्तों में निकटता लाकर पति-पत्नी सेक्स लाइफ को मधुर बना सकते है, उनके पास आपस में एक-दूसरे से कहने लिए बहुत कुछ होता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा बातें करें,

• सेक्स ऐसा जिसे दोनों एंज्वाय करें
मनोचिकित्सकों का मानना है कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए ऐसा सेक्स जरूरी है जिसे पति-पत्नी दोनों एंज्वाय करें। इसके लिए जरूरी है कि इसे एक मशीनी क्रिया में बदलने की बजाय दिलचस्प बनाने पर जोर दिया जाए। इसमें फोरप्ले और कल्पनाशीलता की अहम भूमिका होती है। दरअसल यही आपको तनाव से मुक्त करता है और एक-दूसरे के करीब लाता है। सेक्स के दौरान सिर्फ एक-दूसरे के अंगों को सहलाकर और चूमकर शिथिलता दूर की जा सकती है। आपस में मधुर बातें, ओरल सेक्स या हस्तमैथुन के जरिए रुटीन की सेक्स लाइफ को ज्यादा स्पाइसी बनाया जा सकता है।

• अपने साथी को समय दें
शादी के कुछ सालों बाद कुछ जोड़े पाते हैं कि सहवास और दृढ़ता अपनी वास्तविक चमक खोती जा रही है साथ ही दिन-ब-दिन सहवास करना सिर्फ एक रुटीन उद्देश्य रह जाता है. इसलिए अपने साथी को पूरा-पूरा टाइम दें, इसका सबसे बेहतर तरीका है कि पॉजिटिव प्रयासों से अपने पार्टनर को बहकाएं,

अच्छी तरह बढ़ कर तैयारी करें
यदि आप बाहर खाना या फिल्म देखने का मन बनाते हैं तो यह एक बेहतर अवसर है जहां आप एंज्वाय करेंगे. बहलाने का कोई भी मौका मिलता है तो उसे न छोड़ें। यही स्थिति ऐसी होगी जब आपका पार्टनर सहजता से सोचेगा कि आप उसे कितना चाहते हैं। कभी-कभी उसे उपहार भी दें। जैसे उसकी बगैर जानकारी के उसके लिये उसका पसंदीदा परफ्यूम लाकर दें या फिर कोई सहवासी सा अण्डरवियर उसे गिफ्ट करें। ऐसे में जब भी वह इनका प्रयोग करेगी आपको याद करे रोमांचित होगी।

• आपस में छेड़छाड़ करें
आपसी छेड़छाड़ दो प्रेमियों के बीच का महत्वपूर्ण फोरप्ले होती है। इस दौरान धीमी लाइट जलाकर कोई पसंदीदा संगीत चालू कर लें। छेड़छाड़ के बीच-बीच में एक दूसरे को किस करने का मौका न गंवाएं साथ ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे,इस दौरान पूरी सौम्यता बरते न कि सीधे सेक्सक के लिए उन्मुख हो जाएं। इससे सेक्सक लाइफ में मधुरता आएगी।

Pahli Raat Ke Nuske.......


सेक्स और उम्र:


सेक्सुअल घनिष्ठता को उम्र बढ़ने के साथ प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता क्योंकि आत्मीयता की चाहत का उम्र से कोई सम्बन्ध नहीं है। आज के दौर में जबकि ज्ञान की शक्ति और चिकित्सा विज्ञान की अभूतपूर्व प्रगति के कारण लोग अधिक लम्बाध, स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताते हैं ऐसे में सेक्सुअली सक्रिय रहना शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती के लिए बेहतर साबित होता है।

सेक्सुअल पैटर्न और पुरूष की उम्र:

व्यक्ति के सेक्सुअल पैटर्न में पूरी जिंदगी बदलाव होते हैं। जहां एक किशोर की प्रजनन क्षमता तेरह वर्ष की उम्र से शुरू हो सकती है वहीं उसकी सेक्सुअल क्षमताओं का चरम अठारह वर्ष की उम्र में हो सकता है। तीस से चालीस की उम्र के बाद पुरूष की सेक्सुअल प्रतिक्रियाओं में कुछ कमी आना शुरू हो जाती है और पचास की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लिंग में कठोरता और स्खलन की आवृत्तियों में स्पष्ट कमी आ जाती है। लेकिन ये केवल शारीरिक बदलाव हैं जो सेक्स के आनंद को कोई विशेष प्रभावित नहीं करते। कोई पुरूष यदि स्वास्थ्‍य सम्बन्धी किसी समस्या का सामना न कर रहा हो तो वह पूरे जीवन भर सेक्स लाईफ का आनंद ले सकता है।

सेक्सुअल पैटर्न और महिलाओं की उम्र:


लड़कियों में बारह से तेरह वर्ष की उम्र तक यौवन का विकास शुरू हो जाता है लेकिन पूरे जीवन भर उनके शरीर में हॉर्मोन सम्बन्धी बदलाव होते रहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ हॉर्मोन स्तरों में उतार-चढ़ाव होने से संभोग में भाग लेना कठिन हो जाता है क्योंकि योनि की त्वेचा पतली हो जाती है और चिकनाई भी घट जाती है। मेनोपॉज की स्थिति चालीस से पचास की उम्र के बीच में आती है और अनेक असुविधाजनक समस्याएं उत्पन्न करती है। इसे प्रजनन क्षमता का समापन माना जाता है।

Sex and age


आपको नहीं मालूम होंगे कंडोम के ये 4 साइड इफेक्ट्स:

दर्द एवं एलर्जी:

ऐसा देखा गया है कि लगातार अर्थात सप्ताह में दो से अधिक बार कंडोम का उपयोग करने से योनि की आंतरिक परत और झिली में संवेदनशीलता काम या समाप्त हो जाती है। जिसके कारण स्त्रियों की यौनि से स्खलित होने वाले प्राकृतिक लुब्रिकेंट (चिकनाई युक्त) दृव्यों का स्वत: स्खलन कम हो जाता है या पूरी तरह से बन्द हो भी जाता है। जिसके चलते योनि में खरास या सूखापन आता देखा गया है। जिसके कारण कंडोम का अधिक उपयोग करने वाली औरतों की योनि स्पर्श कातर (छुअन से ही दर्द महसूस होने वाली) हो जाती है। ऐसी स्थिति का सामना कर रही स्त्रियों द्वारा अपने प्रेमी या पति के साथ बिना कंडोम के सेक्स करने पर यौनि में असहनीय दर्द, जलन, एलर्जी और खुजली होना आम बात है।

योनि ग्रीवा में कट या घाव:

कंडोम का अधिक उपयोग करने से योनि ग्रीवा में कटाव और छिलन के साथ-साथ दर्दनाक घाव भी होते देखे गये हैं। जिसके चलते योनि में सूजन आ जाती है। योनि में सूजन की स्थिति में सेक्स करने पर योनि का आन्तरिक हिस्सा फिर से घायल हो जाता है। जिससे योनि में फिर से जख्म हरे हो जाते हैं। कई बार जख्मों से रक्तस्त्राव भी होने लगता है। जिसे स्त्रियां असमय मासिक चक्र का आना मानकर उसकी परवाह नहीं करती हैं और इस कारण से उन्हें जननांगों और गर्भाशय में भयंकर संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। जिससे योनि ग्रीवा या गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है।

लेटेक्स के बने कंडोम:

लेटेक्स के बने कंडोम आपको गर्भधारण और यौन-संचारित रोगों से बचाते हैं। मगर ये ऐलर्जी का सबसे आम कारण हैं और सेक्स के दौरान स्त्री की प्रतिक्रिया को घटा देते हैं, क्योंकि इसके प्रयोग के कारण योनि में सूखापन और खुजली के रूप में देखा गया है। इसका सबसे खराब दुष्प्रभाव है, स्त्री-पुरुष के जननांगों पर गंभीर दाने या जानलेवा आघात के रूप में दिख सकता है।

योनि की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान:

प्रकृति ने जननांगों को खुद ही अपनी प्रतिरक्षा की जन्मजात शक्ति प्रदान की लेकिन यदि सप्ताह में दो बार से अधिक कंडोम का उपयोग किया जाता है तो कंडोम योनि की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके उपयोग से योनि की अम्लीय वातावरण में उथल-पुथल पैदा हो जाती है।

Condom ke 4 Side Effects




आपकी जीवनशैली और सेक्स लाइफ:

किसी आदमी की सेक्स लाइफ पूरी तरह से उसकी जीवनशैली पर निर्भर करती है। जीवनशैली बदलने का सबसे ज्यादा प्रभाव सेक्स लाइफ पर पड़ता है। दिनभर ऑफिस में काम करके आदमी जब थककर घर जाता है, तब उसकी सेक्स के प्रति कोई रुचि नहीं होती है और इस वजह से पार्टनर से दूरियां बढती जाती हैं। ज्यादा धूम्रपान और शराब की लत भी सेक्स लाइफ को प्रभावित करती है। व्यस्त जीवनशैली के बावजूद आप अपनी यौन ऊर्जा, प्रेम और व्य‍वहार कुशलता से अपनी सेक्स लाइफ को बेहतरीन बना सकते हैं और अपने दांपत्य जीवन में मिठास घोल सकते हैं।

जीवनशैली का सेक्स लाइफ पर प्रभाव -

काम की व्यस्त‍ता और सेक्स लाइफ -
एकल परिवार और मेट्रो सिटी में रहने वाले ज्या‍दातर लोग कामकाजी हैं। अपनी बढती जरूरतों को पूरा करने के लिए पती और पत्नी दोनों मिलकर काम करते हैं। दिनभर काम के दौरान थकान स्वाभाविक है। अक्सर लोग देर रात तक काम करते है और बाहर भी रहते हैं। इसका सबसे बुरा असर आदमी की सेक्स लाइफ पर पडता है क्योंकि थकान के बाद सेक्स की इच्छा लगभग समाप्त हो जाती है। और अगर मूड भी हो तो वह केवल एक औपचारिकता रह जाती है जिससे आपका पार्टनर कभी भी संतुष्ट नहीं होता है।

खान-पान और सेक्स लाइफ -
जंक फूड और फास्ट फूड के खाने का चलन बढा है। जंक फूड ज्यादा खाने से कई बीमारियां जैसे डायबिटीज, कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां हो जाती हैं। जंक फूड मोटापे को बढाने का प्रमुख कारण होता है। मोटे लोगों को सेक्स के दौरान उतना मजा नहीं आता है। इसके अलावा ज्यादा फास्ट फूड खाने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे शरीर की ऊर्जा समाप्त हो जाती है और सेक्स करने की इच्छा नहीं होती है।

धूम्रपान और शराब की लत -
काम के तनाव से बचने के लिए लोग धूम्रपान शुरू कर देते हैं। धूम्रपान करने वालों को लगता है कि इससे दिमाग का तनाव कम होगा। कई लोग तो शराब को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपना लेते हैं। इसका असर सेक्स लाइफ पर पडता है। शराब पीने के बाद सेक्स की इच्छा नहीं होती है। सेक्स के दौरान सांसों की गति तेज हो जाती है और ज्यादा धूम्रपान आपके फेफडों को कमजोर बनाता है जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है।

जीवनशैली बदलकर बनाएं बेहतर सेक्स लाइफ -

1. सेक्स लाइफ को बेहतर करने के लिए हर रोज व्यायाम और योगा कीजिए जिसके कारण आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और आप अपने पार्टनर को संतुष्ट रख सकते हैं।
2. ऑफिस के काम का तनाव घर पर मत ले जाइए। अपने स्ट्रेस को सेक्स के दौरान भूल जाइए।
3. जंक फूड, फास्ट फूड, रेड मीट और ज्यादा तले हुए खाने से बचें। इन खाद्य-पदार्थों को खाने से शरीर को ज्यादा वसा मिलती है जिसके कारण मोटापा बढता है।
4. एनर्जी देने वाले और विटामिन से भरपूर खाद्य-पदार्थों को अपनी जीवनशैली में शमिल कीजिए जिससे कि सेक्स के दौरान आपके अंदर भरपूर ऊर्जा हो।
5. स्मोंकिंग और एल्कोहल छोडकर सेक्स लाइफ को बेहतर किया जा सकता है।
6. व्यस्त जीवनशैली में सेक्स लाइफ को नजरअंदाज करना गलत है। सेक्स बहुत ही अच्छा व्यायाम होता है और इससे दिमाग की टेंशन भी समाप्त होती है। इसलिए बदली हुई जीवनशैली में भी सेक्स का भरपूर मजा लेना चाहिए।

आपकी जीवनशैली और सेक्स लाइफ:

यूं करें कामसूत्र की शुरुआत:






कामसूत्र, सेक्स, यौवन: यह शब्द सुनते ही आम तौर पर लोगों के मन में अजीब विचार आने लग जाते हैं। इसका मुख्य कारण हमरे देश और समाज में सम्भोग व शारीरिक संबंधों के प्रति फैली गलत मानसिकता तथा सही जानकारियों का अभाव होना है।

वास्तव में प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है। स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं। प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है।और संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला भी है।

कामसूत्र के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह व्‍यक्ति के सामाजिक और निजी जीवन के हर भाग को समाहित करता है। यह वहां पहुंचता है जहां आमतौर पर व्‍यक्ति की दृष्टि नहीं पहुंचती। यह न केवल काम की बात करता है, बल्कि प्रेम की प्रवृत्ति, परिवार की भूमिका और परिवार की महत्ता आदि के बारे में भी विस्‍तृत चर्चा करता है।

दांपत्य जीवन का प्रारंभ करने वाले सभी लोगों को कामसूत्र को कम से कम एक बार तो अवश्य पढना चाहिए। कामसूत्र महज एक ग्रंथ अथवा सम्भोग पुराण मात्र नहीं है, बल्कि यह गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने का सलीका भी बताता है। यह बताता है कि किस प्रकार आप अपने साथी के साथ कुछ बातों का खयाल रख नीरस संबंधों को आनंदमय और उत्साहपूर्ण बनाता है।

सम्भोग से पहले अपने सभी संकोचों और शर्म को दरकिनार कर दें। अपने साथी को भी अच्छा महसूस करने में सहायता करें। फिर अपनी साथी कि पोशाक को आहिस्ता से खोलें और अपने सीधे हाथ से पकड़ते हुए गले से लगायें। अब किसी हलके-फुल्के सामान्य विषय पर चर्चा करना शुरू करें। ध्यान रहे कि चर्चा के लिए कोई गंभीर विषय का चुनाव न करें। यह भी ध्यान रखें कि वार्तालाप में आपके साथी की भी बराबर भागीदारी बनी रहे।

कुछ आसनों का भी आनंद लें:

ऐसा माना जाता है कि जब संभोग की चरम अवस्था होती है उस वक्त विचार खो जाते हैं। इस दशा में जो आनंद की अनुभूति होती है वह समाधि के चरम आनंद की एक झलक मात्र है। संभोग के अंतिम क्षण में होश में रहने से ही पता चलता है कि ध्यान क्या है।और निर्विचार हो जाना ही समाधि की ओर रखा गया पहला कदम है।

यदि आपके योंन जीवन में असंतुष्टि की स्थिति में हो तो संबंधों के ख़राब होने यहाँ तक की टूट जाने की नौबत आ जाती है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप अपने साथी के साथ खुलकर बात करें और वर्तमान व भविष्य में हो सकने वाली समस्यों से बच सकें।

साथ ही कामसूत्र आपको इस बात की जानकारी देता है की किस तरह आप अपने दांपत्य जीवन में अपने साथी के साथ संबंधों में सामंजस बना कर उसे और अधिक खुशहाल, और रोमांचक बना सकतें हैं।

यूं करें कामसूत्र की शुरुआत:



ऐसे चुनें कामसूत्र का सर्वश्रेष्ठ आसन:

कामसूत्र में रतिक्रीड़ा के अनेकों आसनों का वर्णन है जो सम्भोग में चरम प्राप्ति के लिए मार्गदर्शित करता है। आप अपनी सहूलियत के हिसाब से उनमें से कोई भी चुन सकते हैं। आइए जानते हैं कामसूत्र के कुछ आसनों के बारे में-

मकड़ आसन:

सम्भोग के इस आसन में पुरुष अपनी टांगों को सामने की तरफ ख़ोलकर बैठता है और संतुलन के लिए अपने हाथों को पीछे की ओर लगा देता है। महिला साथी भी पुरुष की ओर वैसी ही स्थिति बनाकर बैठ जाती है। अब दोनों साथी सामंजस्‍य और लय में हिलकर रतिक्रीड़ा शुरू करते हैं। पुरुष इस दौरान महिला का भार अपने कूल्हों और हाथों पैर ले लेता है। महिला साथी भी घुटनों को मोड़कर व ताल से ताल मिलकर, चरम प्राप्ति के लिए पूर्ण सहयोग करती है।

वुमन ऑन टॉप:

कामसूत्र के इस आसन में स्त्री को अपना पूरा सहयोग देने का मौका मिलता है। साथ ही वह सम्भोग की क्रिया को अपनी इच्छा अनुसार नियंत्रित व चयनित करती है। वुमन ओन टॉप पोजीशन में दोनों साथी आरामदायक स्तिथि में सम्भोग का आनंद ले सकतें है।

मेजिक माउंटेन आसन :

इस आसन में तकियो के ढेर का एक पर्वत जैसा बना लिया जाता है। महिला साथी ताकियों के ढेर पर घुटने टेक कर उकडू लेट जाती है। इन ताकियो का सहारा लेकर महिला अपनी टांगों को थोडा खोल देती है इसके बाद दोनों रतिक्रीड़ा आरंभ करते हैं।

मैन ऑन टॉप :

यह शायद सम्भोग की सबसे अधिक बार इस्तेमाल किये जाने वाली तथा सबसे आम स्थिति है। इस अवस्था में बाजी पुरुष के हाथ में होती है। इसमें मुख्‍यत: स्त्री का कोई विशेष योगदान नहीं होता। यहां पुरुष अपनी गति पर पूरी तरह नियंत्रण रख सकता है। 'मैन ऑन टॉप' अवस्था का लाभ यह है कि सम्भोग क्रिया के दौरान पुरुष, स्त्री को होठों, गले व कान आदि पर चुम्बन कर सकता है। साथ ही दोनों एक दूसरे को आंखों में आंखें डाल कर देख सकते हैं।

सीटिड बॉल :

सीटिड बॉल आसन में दोनों साथी आधी बैठी अवस्था में होते हैं। महिला पुरुष के ऊपर थोड़ी झुकी हुई अवस्था में होती है और पुरुष सम्भोग कर रहा होता है। जब पुरुष महिला साथी को पीठ पर चुम्बन कर रहा होता है तब गतिविधि को अपनी एड़ी द्वारा नियंत्रित करती है। सम्भोग की इस क्रिया में बहुत लचक की ज़रूरत होती है किन्तु इस आसन में पुरुष, महिला के उन अंगों को भी तरजीह दे पाता है जो सामान्यतः ध्यान से परे होते हैं। यदि आप लचीले है तो आपको यह आसन अवश्य लेना चाहिए।

टॉड पोजीशन:

इस आसन में महिला पैरों को खोलकर पीठ के बल लेट जाती है और पुरुष उसके पैरों के बीच लेटता है। महिला अपने पेरों को पुरुष साथी के कूल्हों के चोरों तरफ जकड लेती है और पेरों द्वारा पुरुष के कूल्हों पर थोडा वज़न दाल कर उसे प्रेरित करती है। यह आसन दोनों को इच्छा अनुसार कोई भी गतिविधि व स्पर्श करने की सवतंत्रता देता है। सम्भोग के इस अन्तरंग आसन में महिला पुरुष को कमर और नीचे से उत्तेजित कर सकती है।

साइड किक पोजीशन: साइड किक आसन में महिला को पुरुष की तरफ पीठ के बल लेटना होता है। इस आसन में सम्भोग के समय पुरुष का एक घुटना महिला साथी के पैरों के बीच में व दूसरा उसके बराबर में स्थित होता है। पुरुष महिला को उसके नितंभों से पकड़ता है ताकि तीव्र गतिविधि कर सके, जबकि महिला अपने पैरों को फैलाती है जिससे अच्छा दृश्य मिलता है।

शोल्डर होल्डर पोजीशन: सम्भोग के इस आसन में महिला कमर के बल एक तकिये पर सिर रखकर लेटी होती है और उसके पैर हवा में होते हैं। पुरुष, महिला के पैरों को अपने कन्धों पर रखकर सामने की तरफ से सम्भोग करता है। पुरुष अपने एक हाथ को नीचे रख कर सहारा लेता है और रतिक्रिया करता है।

इस प्रकार आप और आपका साथी कामसूत्र का कोई भी आसन अपनी सुविधा और एक मत से चुन कर व्यवहार में ला सकते है। बस ध्यान रहे कि आप दोनों भी आसन को करने से पूर्व उसे अच्छी तरह से समझ व पढ़ लें ताकि आप एक दूसरे के साथ का पूरा आनंद ले सकें।

ऐसे चुनें कामसूत्र का सर्वश्रेष्ठ आसन:

कामसूत्र की हॉट 5 सेक्स पोजीशंस:


कामसूत्र में रोमांचित और उत्तेजित करने वाली कई सेक्स पोजीशंस हैं। कामसूत्र तो विख्‍यात ही इसलिए है। आइए हम जानते हैं पांच ऐसी पोजीशंस के बारे में जिनके जरिए न केवल आप बल्कि आपका पार्टनर भी सेक्‍स संतुष्टि पा सकता हैं।

कामसूत्र की हॉट सेक्‍स पोजीशन -

बंधा यानी बांधने वाली पोजीशन-
इस पोजीशन में महिला और पुरूष एक दूसरे की ओर मुंह करके बैठते हैं। इसमें महिला अपने हाथों से पुरूष के सीने को जकड़ लेती है और पुरूष महिला की गर्दन पर अपने हाथ रखता है। इसके साथ ही दोनों एक-दूसरे की जांघों को आपस में जकड़ लेते हैं। इस पोजीशन में पहले दोनों एक-दूसरे को चुंबन देते हैं और फिर सेक्स क्रियाएं करते हुए संभोग करते हैं। इस पोजीशन में दोनों एक-दूसरे के शरीर को अच्छी तरह से जकड़ लेते हैं।

परावृत्तिका-
इस पोजीशन में सेक्‍स का अपना अलग आनंद होता है। लेकिन, इस पोजीशन को करने में जरा सी चूक सारा मजा खराब कर सकती है। कामसूत्र की मानें तो इस पोजीशन के लिए काफी अभ्‍यास की आवश्‍यकता होती है। इसमें सेक्‍स के दौरान ही महिला पुरुष के पीछे पलट जाती है। और तो और बैठकर ही इस आसन को अच्‍छी तरह से किया जा सकता है। एक और बात जो इस आसन के दौरान ध्‍यान रखने वाली होती है, वह यह कि यह क्रिया अगर महिला द्वारा की जाए तभी यह संभव है। ऐसे में सेक्स के दौरान महिला का सक्रिय होना बहुत ज्यादा जरूरी है तभी ये आसन संभव है।

पद्मासन (लोटस पोजीशन) -
हालांकि पद्मासन एक योगासन है, लेकिन कामसूत्र में इसे लोटस पोजीशन भी कहा जाता है। इस आसन में पुरूष पद्मासन में बैठ जाता। इसके बाद महिला अपने बाएं पैर के पंजे को पुरूष की दाईं जांघ पर रखती है और फिर दाएं पैर के पंजे को बाईं जांघ पर। महिला इस पोजीशन में पुरूष को कसकर पकड़ लेती है। इसके पास चाहे तो पुरूष अपने पैरों को पकड़ सकता है। कुल मिलाकर कहें तो लोटस पोजीशन यानी कमल के आकार में सेक्‍स करने से सेक्‍स का आनंद दोगुना हो जाता है।

एक ही करवट, खोल दे सारे घूंघट -
इस पोजीशन में पुरूष और महिला एक-दूसरे की तरफ मुंह करके एक तरफ करवट लेकर लेटते हैं। इसमें दोनों का मुंह एक-दूसरे के सामने होता है। महिला पुरूष के पैरों को अपने पैरों से जकड़ लेती है और पुरूष महिला के और करीब आ जाता है। इस पोजीशन में पुरूष महिला को धीरे-धीरे सहलाकर सेक्स प्रक्रिया आरंभ करता हैं। इस पोजीशन को हॉट माना जाता है। इसमें वैजाइना और पेनिस सबसे आरामदेह स्थिति में होते हैं और इसी वजह से इसमें उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है।

कमाल है कमर का -
इस पोजीशन में पुरूष पलंग पर पैर फैलाकर बैठ जाता है। महिला घुटने के बल पुरूष की और बढ़ती है। इसके बाद पुरूष के करीब आकर कमर के बल लेट जाती है। इस प्रक्रिया में दोनों सेक्स का भरपूर आनंद लेते हैं। महिला को इस पोजीशन में ऐसे बैठना चाहिए जिससे वह सहज भी रहे और उसकी कमर में अधिक दर्द भी न हो।

इन पांचों कामसूत्र की हॉट पोजीशन का आनंद महिला और पुरूष तभी ले सकते हैं जब दोनों मानसिक रूप से तैयार हों। साथ ही दोनों का स्वस्‍थ रहना भी जरूरी है।

कामसूत्र की हॉट 5 सेक्स पोजीशंस:

बैडरूम में कामसूत्र अपनाने के टिप्स:

कामसूत्र की सभी क्रियाओं को जानने के बाद जो बात सबसे महत्वपूर्ण रह जाती है कि आखिर कामसूत्र के तरीके से सेक्स की शुरूआत कैसे की जाएं। सेक्स की शुरूआत से पहले पुरूष और महिला दोनों के क्या करना चाहिए ताकि वो सेक्स को अच्छी तरह से एन्जॉय कर सकें और एक-दूसरे को संतुष्ट कर सकें। यदि आप भी सेक्स करने जा रहे हैं और आप कामसूत्र के टिप्स को अप्लाई करने जा रहे हैं तो उसमें दिए कुछ टिप्स जरूर अपनाएं। आइए जानें कामसूत्र के तरीके से सेक्स की शुरूआत करने के टिप्स के बारे में।

* कमरे की साफ-सफाई-
सेक्स की शुरूआत से पहले जरूरी है कि कमरे की अच्छी तरह से साफ-सफाई की गई हो। इतना ही नहीं बैड पर धुली हुई चादर बिछी होनी चाहिए।

* सुगंधित कमरा-
यदि आप सेक्स करने जा रहे हैं तो वैसा माहौल भी होना चाहिए जिससे दोनों पार्टनर उस माहौल में अच्छी तरह से रम सकें। ऐसे में कमरे का खुशबूदार होना जरूरी है। कमरे में भीनी-भीनी खुशबू आनी चाहिए। आप चाहे तो आरोमा प्रोडक्ट या फिर परफ्यूम इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

* सजावट भी है जरूरी -
आपको चाहिए‌ कि आप कमरे को अच्छे से सजाएं। कमरे को कैंडल और फूलों से सजाएं। कमरे में सुंदर पेटिंग्स लगी होनी चाहिए। इतना ही नहीं कमरे में लाइट एकदम मंदिम होनी चाहिए। जिससे आप अपने पार्टनर से अपने बेइंतहा प्यार का इजहार कर सकें।

* नहाना है जरूरी-
दोनों पार्टनर के लिए कामसूत्र में यह खास हिदायत दी गई है कि माहौल बनाने के साथ-साथ दोनों पार्टनर्स का मन से तैयार होना भी जरूरी है। इसके लिए दोनों को अपने शरीर की साफ-सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी है। आप दोनों को नहाकर ही कमरे में दाखिल होना चाहिए। इतना ही नहीं पहले पुरूष कमरे में आए और उसके बार महिला को इन्वाइट करें।

* ड्रेस का रखें ख्याल-
कामसूत्र के अनुसार महिला और पुरूष दोनों को ही आकर्षक ड्रेस में होना जरूरी है जिससे दोनों एक-दूसरे की तरफ आकर्षित हों साथ ही ऐसे समय में तारीफ करने से ना कतराएं।

* म्यूजिक भी लगाएं-
आप चाहे तो कोई इंस्टूमेंट म्यूजिक बजा सकते हैं लेकिन बहुत ही हल्के स्वर में या फिर कोई भी थीम बेस्ड गाना चला सकते हैं। जो कि रोमां‌टिक हो।

* बातचीत करें-
कामसूत्र के अनुसार, पुरूष को महिला को पहले प्‍यार से बैड पर बैठाना चाहिए उसके बाद बातचीत का सिलसिला आरंभ करना चाहिए। ताकि दोनों की ही झिझक एकदम गायब हो जाए। बातचीत रोमांटिक या फिर एक-दूसरे के बारे में भी हो सकती है। साथ ‌ही पुरूष को पहले महिला के कंधे पर अपना हाथ रखना चाहिए, उसके बाद ही धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए जिससे महिला सहज हो सकें।

* उपहार दें-
पुरूष को महिला पार्टनर से प्यार का इजहार करने के लिए कोई उपहार लेकर आना चाहिए और ये भी ख्याल रखें कि आप दोनों के अलावा रूम में कोई तीसरा व्यक्ति प्रवेश ना कर पाएं।

इन टिप्स से आप अपने प्यार का इजहार भी कर सकते हैं और सेक्स की शुरूआत भी शानदार तरीके से कर सकते हैं।

बैडरूम में कामसूत्र अपनाने के टिप्स:




सेक्स सिर्फ शारीरिक संबंध ही नहीं बल्कि मानसिक संबंध भी होता है। सेक्स के दौरान आप मानसिक रूप से भी एक दूसरे से जुड़ाव महसूस करते हैं। कई शोधों के मुताबिक, आप सेक्स उसी व्यक्ति के साथ कर सकते हैं जिससे आप मानसिक और भावनात्मक रूप से जुड़े हों। आपको चाहिए‍ कि आप जब बहुत गुस्से में हो या फिर आपके अपने पार्टनर से तनाव चल रहा हो तो उस दौरान सेक्स ना करें। अन्यथा आपको इसके नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। हाल ही में आए एक शोध में यह भी बात सामने आई है कि सेक्स में गैप होना जरूरी है यानी रोजाना सेक्स के आपको नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। अब सवाल ये उठता है कि वे कौन से कारण हैं जिनसे सेक्स में गैप होना जरूरी है। आइए जानें, सेक्स में क्यों जरूरी है गैप।
  • यह तो सभी जानते हैं सेक्स के जरिए आप चुस्त-दुरूस्त रह सकते हैं ।
  • यदि आप अपने पार्टनर से स्वस्थ रिश्ते‍ चाहते हैं तो आपके सेक्सुअल रिलेशंस का ठीक होना भी बहुत जरूरी हो जाता है।
  • सेक्स करने के फायदे बहुत हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी आपको उठाने पड़ सकते हैं



सेक्स में क्यों जरूरी है गैप
  • हार्मोंस का संतुलन बनाए रखने के लिए सेक्स रोजाना ना करें- महिलाओं में शादी के बाद हार्मोंस में बदलाव होता है, ऐसा सेक्सुअल रिलेशंस के कारण होता है। यदि आप चाहते हैं कि आपको कोई शारीरिक समस्या ना हो तो आपको बीच-बीच में सेक्स करना बंद कर देना चाहिए।
  • बोरियत से बचने के लिए रोजाना ना करें सेक्स- इंसान की स्वाभाविक प्रवृति होती है कि वह एक ही चीज से जल्दी ही बोर हो जाता है, ऐसे में यदि आप अपने संबंधों को रोमांचक बनाना चाहते हैं तो आपको सेक्स रोजाना नहीं करना चाहिए। कुछ दिनों बाद सेक्स से आपके बीच प्यार भी अधिक बढेगा और आप अपने पार्टनर को अपने और करीब महसूस करेंगे।
  • माहवारी के दौरान ना करें सेक्स- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कई बार बहुत परेशानियां होती हैं तो कई बार महिलाएं बीमार भी पड़ जाती हैं। जिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान थोड़ा सा भी दर्द होता है उन्हें माहवारी के दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए। अन्यथा उनको कोई गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है।
  • इंफेक्शन होने पर ना करें सेक्स- कई बार आपको सेक्सुअल संबंधी संक्रमण एसटीडी (सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डीजीज) और एसटीआई (सेक्सुअल ट्रांसमिटिड इंफेक्शन) हो तो आपको सेक्स करने से बचना चाहिए, अन्यथा ऐसे इंफेक्शंस आपके पार्टनर को भी हो सकता है।
  • मानसिक रूप से स्वस्थ ना होने पर ना करें सेक्स- यदि आपका साथी मानसिक रूप से अस्वस्थ है या फिर वह बहुत चिंता, तनाव या किसी बड़ी समस्या से गुजर रहा है तो आपको सेक्स करने से बचना चाहिए।
  • किसी भी वक्त ना करें सेक्स– कई बार आपका अचानक दिन में सेक्स करने का मूड करता है लेकिन ठीक इसके विपरीत आपका साथी इसके लिए तैयार नहीं तो आपको सेक्स करने से बचना चाहिए या फिर अपने साथी को पहले इसके लिए तैयार करना चाहिए और उसके बाद ही आराम से सेक्स करना चाहिए।

सेक्स में क्यों जरूरी हैं गैप

शादी के बाद पहली रात

सुहागरात यानी शादी की पहली रात, हर नया जोड़ा इसे यादगार लम्‍हा बनाना चाहता है। लेकिन जब सुहागरात को लेकर युवा जोड़ों के मन में संकोच और हिचकिचाहट होती है। आप इस रात को सचमुच यादगार बनाना चाहते हैं तो अपने पार्टनर के साथ अच्‍छा वक्‍त गुजारिए।
shadi ke baad pehli raat aur sex ki jankari
शादी की पहली रात को पुरुष सेक्‍स के प्रति बेहद चिंतित रहते हैं। वे इस बात को लेकर बेहद फिक्रमंद रहते हैं कि क्‍या वे अपने साथी को खुश रख पाएंगे या नहीं। उन्‍हें इस बात का डर रहता है कि कहीं इस रात की कोई गलती उन्‍हें सारी उम्र के लिए परेशनी में न डाल दे। तो हम आपको बताएं कि किसी भी लम्‍हे का पूरा आनंद उठाने के लिए सबसे जरूरी है कि चिंता से दूर रहा जाए।

शादी की पहली रात और सेक्‍स -
  • जरूरी नहीं कि शादी की पहली रात को पुरुष ही पहल करे। दोनों मिलकर भी शुरुआत कर सकते हैं। इससे किसी के मन में किसी प्रकार की चिंता नहीं रहेगी।
  • सुहागरात को अधिक उत्‍सुक होने से बचना चाहिए। व्‍यवहार सामान्‍य बनाए रखिए। बहुत सारे सपनों को एक साथ न संजोएं। उस रात जो भी हो उसे सहज भाव से स्वीकार करें।
  • सेक्‍सुअल होने से पहले अपने साथी से अच्‍छी तरह बात कीजिए। अपनी सारी शंकाओं का समाधान बातचीत के जरिए पहले निकाल लीजिए नहीं तो सेक्‍स के दौरान मन में झुंझलाहट बनी रहेगी। किसी भी तरह की जल्‍दबाजी न कीजिए।
  • पति-पत्‍नी के बीच संबंध जीवन भर के लिए होते है, उसकी शुरुआत अगर अच्छी बातों से हो तो अच्छा है। तो शुरूआत में ही सेक्‍स करने से अच्‍छा है कि आप अपने पार्टनर से कुछ देर बात करें। अपने साझा भविष्‍य को लेकर कुछ चर्चा करें। कुल मिलाकर अपने साथी को जानने की कोशिश करें। इसके बाद ही आप सेक्‍स का भरपूर आनंद उठा पाएंगे।
  • एकाएक ही सेक्‍स संबंध बनाने की कोशिश मत कीजिए। इससे आपके पार्टनर को असहज महसूस होगा और इसमें वह आपका भरपूर साथ नही दे पाएगा।
  • इस रात अपने पार्टनर सरप्राइज दीजिए, कोई ऐसा गिफ्ट दें जो आपके पार्टनर को पसंद आये। इस रात रोमैंटिक हनीमून पैकेज, सेक्सी ड्रेस और ग्लैमरस परिधान जैसे गिफ्ट दे सकते हैं।
  • अगर आप सोच रहे हैं कि शादी की पहली रात सेक्स से संबंधित बातें करना गलत है तो आप गलत हैं। सेक्स से पहले आप अपने पार्टनर से इस विषय पर बात कर उसे सहज महसूस करवा सकते हैं। इससे आपकी छवि पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
  • सुहागरात को पार्टनर को खुश करने के लिए ज्‍वेलरी भी दे सकते हैं। महिलाओं को गहने सबसे ज्‍यादा पसंद आते हैं। 
  • सेक्‍स करने से पहले फोरप्‍ले का कीजिए। फोरप्‍ले में क्रियायें कीजिए जो आपको और आपके पार्टनर को उत्‍तेजित करे। फोरप्‍ले के जरिए पार्टनर को खुश कीजिए।
  • सेक्‍स के दौरान ऐसे आसन अपनाइए जो सुविधाजनक हों। इस रात नए एक्‍सपेरीमेंट करने से बचें।


इन टिप्स को अपनाकर आप शादी की पहली रात को न सिर्फ यादगार बना सकते हैं बल्कि अपनी रोमांटिक छवि भी बना सकते हैं।

 

शादी के बाद पहली रात

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Cyber Cafe Story

Hi friends i am raj 24year yang n handsom boy from oreng city.this is my first story. Bat 2mahine paheki hai jab main apne gf k ghar gaya tha main aksar usk ghar jata hun aur wo meri ghar par ati hai. Us din main usk ghar gaya to wo ghar par nahi thi bas uski badi bahen jo k vidva hai sirf wo hi ghar par thi uski age 34y hai aur uska figer bhi ekdam sexy hai. Usne mujhe bataya k meri gf apni maa k sath bahar gayi hai sham tak aygi fir main jane laga to wo boli k tea pike jana aur mere liye tea bana k leayi aur khud nahane chali gayi thodi der bd mujhe ek cheekh sunai di main jaldi. se us taraf gya to dekha k wo sirf bra n lahege par hai aur zamin par giri huyi hai ek pal k liye mera dimag to shockt rahe gya fir usne mujha dekh kar towel uthana chaha par.uthana saki fir main hi use towel diya aur kaha k main aapko bedroom me lechalta hun wo kuch nahi boli bas sar hila di fir maine use uthaya aur bedroom k bed par lita diya aur kaha k kahi chot to nahi lagi hai wo boli k uske tang me dard ho raha hai main kaha main kuch kar sakta hu to wo boli k mujhe almari se moov dedo main use almari se moov nikal kar di to wo khud lagane.lagi par use k kamar me bhi chot thi is liye wo baith bi nahi sakti thi fir maine hi kaha k tum rahene do main laga deta hu, 


fir maine uske tango par ghutno k pass moov lagana shuru kiya thodi der bad usne kaha k use kahi aur bhi laga hai aur dard bhi kar.raha hai to maine kaha kaha horaha hai usne uper ki taraf ishara ki main samajh gya k ye gram hogyi hai aor mujhse chudvana chahati hai fir maine kaha thik main waha bhi malish kadeta hu aur fir maine uska bra utara ro wo kuch nahi boli aur akhe band kar k let gyi ab to mera bhi land khada hogya tha aur mere paint me se azad hona chahata tha maine uske boobs dhire 2dabana chalu kiya to wo mast hone lagi aur uske moo se aaahhh ooohhhh ki awaaz nikalne lagi main samajh gya k ab ye redy hogyi hai chudayi k liye par main koi resk nahi lena chata tha is liye uske bolne k wait karne laga thodi der bad wo boli raj kya tumhe bhi wohi feel horaha hai jo mujhe feel horaha hot maine kaha haa mujhe bhi dard.horaha hai par kahi aur to usne jhtse mera land paint k uperse hi pakd liya aur kaha k jab se tumne mujhe aisi halat.me dekha tab se ye bechara bahar aane ko taras raha.hai ise azad kardo aur meri bhi pyas bhujhado maine turant uska lahega n panty utar di uski choot ek dam gori aur clean thi mujhse raha nahi gya aur maine uski choot par hath ragdna chalu kardiya wo ekdam gram hogyi aur mera paint uatane lagi main fatafat apne sare kapde utar diye sirf jocky hi rhene di to wo boli k isbhi utardo maine kaha k sochlo agar ye utar gyi to tumhari khair nahi ye sunte.hi usne meri jocky niche khich.di aur.


mera 6inch lamba land ko sahelane lagi uski is harkat se main bhi josh me agya aur usk boobs ko chusne laga wo or josh me aagyi aur mere land ko apni choot par ragadne lagi or kahene lagi pls. raj chodo mujhe kitna time se main tumse ,chudvana chahati thi aj maoka mila hai chodo mujhe or fir maine uski choot par apna land ragda aur andar dalne lag.par mera inta mota land uski tight choot me nahi jaraha tha wo mare dard k tadapne lagi aur kahe lgi oil lgo oli lgo maine bhi apne land ko bina oli k hi uski choot me ghusana chahata tha main ek jor ka jhatka mara to mera adha land uski choot me chala gya wo chikh uthi ram mummy aaaaaa pls thoda dhire karo usk chikhne se mujhe aur josh.aane laga maine ek aur jorka jhatka mar.is bar mera land pura andar chala gya thodi der tak main ruka aur fir andar bahar karne lga ab uska dard bhi kam hogya tha to wo bhi mera satj apni gand utha k dene lagi aur kahene lagi aur tez aur tezchoodo mujhe aaj meri pyas bhujha do raj maine jor jor k short marne laga karib 20min tak uski chudayi ki 


fir maine kaha k main jhadne wala hu to wo boli kab se is pyasi zamiin pe pani ki ek bond tak nahi giri par aaj yaha toofan aayga main samajh gya k wo chahati hai k main uske andar hi jhad jau maine ek do jordar jhatke aur mare aur uske andar hi jhad gya wo khushi k mare hasne lagi aur kaha raj main bhi jhadne wali hun tum apna land andar hi rahene do aur ek ahhh ke sath wobhi jhad gyi 10min bad usne kaha k wo mera land chusna chahati hai main ha kaha fir wo mera land bade pyar se chusne lagi kabhi kabhi kat bhi rahi thi par mujhe accha lag raha tha 20min bad mera land firse khada hogya aur khush hogyi par abki bar main uski gand maarna chahata tha pahle to usne mana kardiya par mere zor dene par wo man gyi or mujhse boli k mere patine bhi kabhi meri itni mast chusayi nahi ki jitni tumne aaj ki hai is liye tum meri gand bhi maar sakte ho par tjoda pyar se tumhara land bahot lamba or mota hai kahi meri gand na fat jaye fir wo dog ki tarha Has reading this story made you horny?

Bad Boys Bad Deed .Girlfrined ki Badi Behen

Meri pyaari kunwari behnon, Mera naam Nagma hai. Aaj main aapko meri
kahani batati hoon. Yeh meri zindagi ki sachi kahani hai. Aap log
yauvan ke dahleej par kadam rakhte hi zindagi ke haseen anubhavon ke
barey mein rangeen sapne dekhna shuru kar diye honge. Aise sapne maine
bhi dekhi thi jab mein 17 saal ki ho gai thi.
Meri janam ek madhyam vargiya parivar mein hui. Mere pitaji kisi
sarkari company ke daftar mein choti si post par kaam karte the. Maa ek
ache ghar se thi lekin sampradaya aur parampara ke anusaar pati ke ghar
ko apna sansaar aur pati ki seva apna dharam maanti chali. Pitaji ke
teen aur bhai the. Sab ache padhai aur tarakki ke vajah se ache din
dekh rahe the. Pitaji padhai mein utney chalaak aur tej nahi the. Upar
se bachpan se hi unme aatma vishwas aur khuddari ki kami thi.


Dhiraj
aur karmathta kam, self pity aur low self esteem zyaada. Unki ek hi
khoobi thi. Unke pitaji ka bada aadar tha. Khandaan ke naam par meri
maa ki shaadi unse kar di gayi thi. Maa kabhi kuch maangne walon mein
se nahi thi. Jo mila usise santusht thi. Bahut khoobsurat bhi thi. Unki
khoobsurti ke vajah se pitaaji ki aatma samman aur bhi kam ho gayi.
Pitaji kabhi zindagi mein prayas nahi ki. Ulta apne jaison ke
sangat mein apni badkismati ki khulkar charcha karte rahte. Aise sangat
mein unki mulakat ek naujavan se hui jo unke jaise hi tha. Jab apne
jaise mil jaate toh dosti badh jaati hai. Pitaji us naujavan ko apna
khas dost maanne lage aur din raat donon apni choti zindagi ki
takleefein ek dusre ke saath baante rahte. Woh naujavan bhi Pitaji ke
daftar mein kaam kar raha tha. Unki dosti ek din aise modh par aa gayi
ki pitaji ne use apna daamaad banane ka nischay kar liye.
Meri do badi behnen thi. Dono ki shaadi ho gayi thi. Ham teenon ek
dusre ke kaafi kareeb they. Behnen apni suhaag raat aur grihasth jeevan
ki rangeen anubhavon ke rahasya mere saath banthtey they. Mein us ladke
ke baare mein nahin jaanti thi. Shaadi turant pakki ho gayi. Maa thode
hi mana karne wali thi? Upar se sarkari naukri thi. Andar ki baatein
kisko pata? Ladka bhi tayyar tha. Mein bholi bhaali si thi magar maa
par gayi aur kaafi khubsurat thi. Matric tak padhi thi lekin sajne
savarne mein pakki thi. Zaahir hai saaheb turant raazi ho gaye. Aur
behnon ki kisson ke prerit hokar mein vahi sunehre sapne dekha karti
thi jo aap log shayad abhi dekh rahe hai.
Ladkon ke baare mei toh 15 ve saal se hi soch rahi thi. 17 saal ke
umar mein meri khayalein sex ke baare thi. Suhaag raat kaise kategi,
pati ke baahon mein kaise sukh praapt hoga, sambhog aur kaam kala ke
aasan kis tarah ke honge, rati sukh kaisa hoga, mard ka kaamang kaisa
hoga – aise rangeen khayal meri javani ki garmi ko aur hava dene lagi.
Saheliyon ke sangat mein kuch aise shareerik harkaton ke baare
mein gyaan praapt hui jisse rati sukh svayam anubhav karne ka mauka
mila. Hast prayog mein mazaa tab aane laga jab tan ki garmi badhane
mein madad mili un haseen kitab aur patrikaon se jinme aadmi aurat ke
beech ki rasbhari sex kaand ki khulkar varnan hui. In kitabon ke
badaulat mujhe poora sex gyaan prapt hua aur mein achi tarah se samajh
gai ki ekant mein ek manchaha mard ke saath kya karna chahiye.
Shaam ko jab Chandar college se laut aaya. Chai dene ke bahane uske
kamre maein gayi aur baatcheet chedne ki prayas ki. Chandar bada hi
sharmeela tha. Meri taraf dekh bhi nahi raha tha aur nazar bachate huye
baat kar raha tha. Main ek peele rang ki paardarshi saadi aur safed
rang ki paardarshi blouse pehni huyi thi. Blouse kaafi sexy kism ki thi
aur meri sthan ki golayi blouse ke beechon beech se bahar nikale the.
Andar ki bra bhi kaafi sexy kism ki thi aur jis tarah se unme meri
golayian simte huye the saaf saaf nazar aa raha tha. Lekin jisko
dikhana chahti hoon voh to nazar bhi nahin mila raha tha. Yun hi
college ke baare mein kuch baaten karne lagi. Sharmate huye woh kuch
javab bhi de raha tha. Baaton Baaton mein usey puch padi “Kya tumhare
college mein ladkiyan padti nahin?” Usne kaha “padti hai lekin bahut
kam. Engineering mein arts aur commerece ke mukable kam ladkiyan hai”.
Phir maine poochcha “Koi special friend in ladkiyon mein?” Chandar
sharma gaya aur apne muh aur bhi neeche kar diya. Sharmate huye kaha ”
Nahin…aisa koi nahin”. Maine aur pooccha…”kya koi bhi girl friend
nahin? Tumhare umar ke ladkon ke liye ye to maamuli baat hai” Chandar
aur bhi sharmata raha aur main dheere dheere hamare beech ki doori
mitate gayi. “Chandar, sharmate kyon ho? Girl friend hona koi buri baat
nahin balki aaj kal to ye hi jaayaz hai ki ladka ladki apne jeevan
saathi khud chunle.” “batao…kabhi ladkiyon ke bare mein sochtey nahin
kya? Unke ore aakarshit nahin hote kya?” Chandar sharm se paani paani
ho gaya. badi mushkil se javaab diya “Ji maami, aisi koi baat
nahin…meri dhyaan to padhai mein hai. Competition zyaada hai. In sab
baaton ke liye waqt hi kahan…main aise maamlon mein bahut peeche
hoon” Mainne ek aur teer chodi “toh kya ye sab bekaar ki baatein hai?
Arre hamare zamane mein is umar ke ladke ldkiyon ki shaadi ho jaati aur
woh to suhaag raat bhi mana dalte aur bachche paida kar lete. Tumhara
generation toh fast hai aur tum kehte ho ki ladkiyon ke baare mein
sochte nahin ho…kya kisi ladki ko dekhkar aakarshan sa nahin hota?
Kuch nahin lagta tumhe? Aur aaj kal ke ladkiyan aise aise dress pehenti
hai…kuch to mahsoos hota hoga…unke kareeeb jaane ki ichcha…unse
baat karne ki ichcha…chhoone ki ichcha…kiss karne ki ichchaa…kuch
aur karne ki ichchaa…” Chandar ki aankhen ek dum badi ho gayi. Sharam
to aa rahio thi usey lekin meri baat sunkar usey aascharya bhi hua.. ”
Maami! Please!” usne zor se kaha aur sharm se muskurate huye muh modh
liya “Aisa kuch sochta nahin hoon…main seedha saada ladka hoon…”
Main muskura uthi….Chandar kitna seedha saada sa tha us raat ki
harkat ne khub dikhaya mujhe. Aisi sexy kitabein padta hai aur dekho
kaisa naatak kar raha hai! Main haar nahin maani…bada mazaa aa raha
thaa…mere andar bhi bahut kuch ho raha thaa..besharmi badh rahi thi.
” Itne bhi seedhe saade mat bano ki suhag raat ke din patni ko chhoona
door muh bhi dekhne se sharmao. Arrey is umar ein to sabko sex ki
jigyasa hoti hai…yeh to ek sahaj baat hai. Jijhak chodo aur khulkar
baat karo. Tum badhey ho gaye ho…sharmane se smart nahi ban sakte”.”
Chandar phir bhi muh modey huye sharm se muskura raha thaa. ” Theek hai
bhai…aur nahin poochti…lekin girl friend hona, ladkiyon ke ore
aakarshit hona ya sex ki baare mein sochna…ye sab buri baat nahin
hai. Arre aaj kal tumhare umar ke ladke ladki ek dusre ke saath sex bhi
kar lete hai. Sab chalta hai” Ye kehte huye mein kamre se nikal gayi.
Kal shanivar hai. Pati der se ghar aate aur woh bhi sharab ke nashe
mein. Har shanivar apne nikamme doston ke saath peete aur ghar laut kar
chup chaap so jaate. Chander ki college sirf aadhe din ke liye khulti
aur woh dopahar ko laut aata. Meri plan ke mutabik uske lautne ke baad
hum donon ke paas 10 ghanton ka ekaant samay hota. Isi dauran mein uske
saath kuch aur sansanikhej baatein chedkar gadde ke neeche rakhe kitab
aur condom uske saamne nikalti aur usey pralobhit karke apne vash me le
leti aur sex karne par majboor karti. Sharm aur laaj se woh puri tarah
merevash mein hoga. meri javaan jsim ko dekh uski neeyat to badlegi
hi…uske baad…… aap samaj sakte ho…
Jab tan ki pyaas bujhi to sab kuch badal sa gaya. Pehle jab bhi raat ke
andhere mein aiski harkat karti aur charam sukh ke sansanate huye pal
jab beet jaate toh aisa lagta ki achanak mera man pura saaf ho gaya
hai. Kuch hi pal pehle ki kartoot bura aur ashleel lagta tha? Apne
kukarm par pachtava hota tha. Lekin ab mujhe koi pachtava nahin tha.
Balki ek aisi chanchal masti chayi thi ki dobara karne ko ji chah raha
tha. Sex ki pyaasi to thi lekin is tarah ashleel sahitya ke sahare
jalte aag mein aur bhi ghee daal di maine. Bhari sanse bharti huyi
maine dobara un kitabon ke andar jhanka. Gande ashleel chitron ko
dekhthe hi ek nayi umang mere andar daudi. Bahut saare sansanikej
vichaar man mein janam le rahe they. Un vichaaron mein ek vichaar tha
ki Bhannja jab in kitabon ko padtha toh uske dimaag mein kaise khayal
aate ? Kisi ladki ke saath ye sab kuch karta hua sapna dekhta tha kya ?
Dimaag ki train ka brake fail ho gaya aur mere man mein aisi aisi
vichar aane lage ki maano koi bada sa baandh tut pada ho aur baandh
mein kaid paani uchal uchal kar behta jaa raha ho. Chandar (bhanje ka
naam) ki nangi jism ka drishya mere man mein aane laga. Thodi hi der
mein, khayalon mein apne aap ko bhanje ke saath sambhog karti huyi
dekhne lagi. Bas! Train patr se utr gayi aur khayalon ki duniya se asal
jagat mein aa pahunchi. Laaj aur sharm be doob gayi. Chee! Kitna ganda
khayal hai! Uthkar sab kuch theek kardi aur thande paani se naha li
taaki jism ki garmi mita sakoon. Nahane ke baad nightie pehen li aur
khana khakar bedroom mein leth gayi.
Ek bar chaska jo laga so laga. Yeh to pehle hi bata chuki hoon. Man jab
kaboo mein naa ho to daud padta hai. Aur mera man phir se train ki
tarah daud ne laga. Vahi ashleel vichaar phirse tung karne lagi mujhe.
Mastramji ke avaidh sambandh vaale kahaniyon mein mami- bhanje ki ek
sansanati huyi sex ki kahani thi jisme mami sab hadh par karte huye
bhannje ke saath aisi harkatein kar baithti jo ek pati patni bhi ekant
me karne se sharmate. Mami ki jagah apne aap ko dekhne lagi aur bhanje
ki jagah Chandar ko. Shareer mein current sa daud raha tha aur mein
behataash ho rahi thi. Aankhen mundi to yahi drushya, aankhen kholti to
phir se bandh karke vahi sapna dekhne ki ichcha! Man mein sharm aur
laaj ne masti aur vaasna se jung ched rahe the! Aakhir behekta hua man
sharm aur laaj ko apne aap se mita daala. Aakhir kab tak apni jism ko
aisi dand deti rahoongi.
32 saal ki umar aurat ke liye ek nayi janm hai. Shaadi shuda auratein
jab bachche paida karti to unki parvareish mein 10 saal kaat leti. Jab
bacche kuch badhey ho jaate aur maa ki mamta aur saharey se mukti
paakar padhai aur khel kood ki ore dhyaan badhatey to aurat ka man
nischit ho jata aur pati ke pyar ke liye dobara tarasne lagta. Shaadi
ke turant baad ladkiyan sharam aur laaj ke saath pati se milan karte
aur sex ki duniya mein pehla kadam rakhte. Tab unki aalochana aur
anubhav bahut naadaan sa hota hai. 30 saal ke umar kje baad, aurat
anubhavi aur pakke irade vaali ho jati. Sex mein dobara jab dilchaspi
jaagti toh sharam ke bajaye karyasheelta se sambhog mein bhaag leti aur
laaj ko chodkar nayi nayi tareekon se pati ke saath bistar ka khel
aazmane ki koshish karti hai. Pati bhi anubhavi ho jata hai aur patni
ko khub madad karta hai. Is tarah 30 saal ke umar ke baad pati patni
sex ki zindagi mein ek nayi umang lekar kood padte aur sex ka bharpoor
anand lete. Bache to nahi huye aur 10 saal se zyada tadpi thi. 32 saal
ke umar mein mera man bhi isi umar ke baki auraton ke tarah sexy ho
gaya. Aur muradein na pura hone ke kaaran kuch zyaada hi tadap raha
tha. Isiliye jo laaj aur sharm mujhe 12 saal pehle paap karne se roki
aaj vahi laaj aur sharm ko mera man baahar phenk di aur ichchaon ka
darwaza khol di. Pati ki naakamyabi mere saath ek dhoka saa tha. Pati
ko dhoka dena koi paap nahi lag raha tha. Agar woh kaamyaab aur normal
hote to aaj uunke saath khush rahti lekin unki barah saal ki bewafayi
ke saamne paraye mard ke saath sex ki aalochana paap nahi lag raha tha.
Aur to aur, bhanje ke saath sex karne se is paap ko ghar ke andar tak
seemit rakh sakti hoon. Kisi ko kuch pata nahi lagega. Vaise bi main
sirf sex chahti hoon….rishta nahi.
In sab baaton se man aur bhi nischit ho gaya aur main man hi man
Chandar se sambhog karne ka irada banayi. Apni is nayi roop se main
khud chanchal ho uthi. Bistar se uthkar maine aaine ke saamne khadi
huyi aur nighty nikaal kar apni hi jism ki jaanch karne lag gayi. Kaafi
sexy lag rahi thi meri hi chai mujhe. Aap logon ko bata doon ki ab mere
sthan bahut hi badhey they. Bra 36C ki size ki pehenti hoon. Unko jitna
bhi blouse, bra aur sari ke pallu ke sahare dhak doon, unki golayi aur
ubhaar ko chipa nahi sakti. Jo bhi mujhe dekhta, meri vaksh-sampada se
turant parichit ho jaata. Umar ke lihaze Nitambh bhi kaafi ubhar aaye
aur kamar chaudi aur jaangh bhari aur maansal lag rahe the. Jism ka
rang kaafi gora tha…maa ki den thi. Badi sexy lagti hoon. Un dinon
maike mein mohalle ke ladke bahut saare mere divane the. Aakhir Chandar
se meri jism ki kararapan kaise chipti? Zarror meri yauvan par gaur
kiya hoga. Shaayad meri nagna avasdha ko man mein basa kar hasth prayog
karta hoga! Chandar ko pataane ke liye ye sexy jism hi kaafi hai.
Agle din, pati office ja chuke they aur bhaanja college. Sab kam
nipatkar mein sfa par baithi TV dekh rahi thi ki achanak mujhe raat ki
kisse ka kahayal aaya. Main uthkar bhanje ke kamre mein gayi aur chaan
been ki. Almari se kuch nahi mila. Bistar ke neeche kuch nahi tha.
Lekin gadde ke neeche kuch magazine miley. Saath mein condom ki kuch
packet bhi. Mera sar charane laga. Kai kahayal ek saath aney lagi, dil
dhadak raha tha aur aisa lag raha tha ki main koi jasoos ki tarah kisi
dushman ke ghar mein chanbeen kar rahi thee aur kabhi bhi pakdi jaa
sakti. Lekin mein ghar mein akeli thi. Mere haath mein sex ki kitaben
thi aur mardon waali condom. Man chanchal ho utha. Usi bistar oar leth
kar maine condom ki ek packet kholkar andar ka padard bahar nikali.
Pehli baar ek condom ko haath mein le rahi thi. Isse pahle kabhi kareeb
se dehka nahi. Ajeeb sa lag raha tha ek choti si topi ki tarah. Packet
par likhe instruction padi aur turant ek khayal aaya. Apne kamre mein
jaakar usi mombatto ko le aayi jisse maine apne aap ko shanth kiya raat
mein. Mombatti mard ki kamaang ki tarah hi tha. Instruction dobar
padhkar Condom ko mombatti par chada di aur dekne lagi. Upar ek choti
si gubbare ki tarah tha. Shayad yahin veerya jama hota hai. Kafi
uttejna hui mujhe. Candle ko bagal mei rakhi aur kitabon ke panne
gumane lagi. 3 magazine jaise patli kitabein thi. Ek mein sex aasanon
mein leen videshi premiyon ke sexy nange chitr they aur unke harkaton
ka sankshipt varnan. Aisa lag raha tha jaise bahut sare photo ke sahare
kahani darshayi jaa rahi ho. Shuru se anth tak Ek daftar ke bade babu
aur uski secretary ke beech ki sharmnaak sambhog keli ka gehra aur
khaas varnan ho raha tha. Secretary apne boss ki garmi badhane ke liye
kaisi kamook prasang kar rahi hai aur boss tesh mein aakar secretary se
apni dil ki baat aur mil rahe sukh ka khulasa varnan kaise kar raha
hai…yahi tha. Sab hindi mein thi aur aise aise shabdon ka prayog hua
jo kaafi ashleel aur laingik they. Ladki boss ke motey tagde ling ki
prashansa kaafi ashleel aur rangeen shabdon mein kar rahi thi aur uske
saath kya kara chahti hai iska bhi khullam khulla varnan kar rahi thi.
Boss ladki ki madak sthan ko daba daba kar unka gun gaa raha thaa. Kuch
pannon ke baad aise gandi harkat padhi aur dekhi ki mera man vaasna se
jhoomne laga. Sabhi chitr sachey they….yaani ladka ladki sach much
sex kar rahe they jab unki photo kheenci gayi ho. Secretary apni boss
ki karare ling ko choos rahi thi. Is drushya ko dekh kar mere pet mein
ajeeb se harkat honey lage. Pehley kaafi ghinona aur ganda laga aur
ulti honey vaali thi. Lekin apne aap ko sambhaali aur gaur se us chitr
ko dekh rahi thi. Iske barey mein padhi to thi lekin pehli bar sachitr
dekh rahi thi.Vaasna ke aise lehar daudi meri dimaag mein ki main
cheekne lagi aur maadak seetakri bharne lagi. Mai apne aap ko sambhal
nahi paa rahi thi. Aur panne modey to aur bhi ashleel photo they. Ab
Aadmi aurat ki yoni choos raha tha. Anth mein veerya skhalan ka bhi
chitr tha. Boss apne secretary ke unnat vakshajon par veerya choda jo
saaf nazar aa raha tha kisi cream ki tarah.
Thodey der ke liye main let gayi aur anken moondh kar bhari saansen
lene lagi. Apne aap par kaabu payi aur uthkar chali gayi un gande
kitabon se. Lekin jo chaska ek baar laga so laga. Main reh nahi payi
aur ek ghante ke baad vapas ayi aur gadde ke neeche se kitab nikali.
Dusre do kitab kaafi kifayati kism ke print mein they. Ek mein chotr
bilkul nahi they. Dusre mein do chaar black and white photo they nangi
ladkiyon ki aur ek sambhog rat ladka ladki ke chitra. Main let kar
donon kitabon main chapi kahaniyan padne lagi. Dono ke lekhak koi
Mastram tha. Naam se lag raha tha koi ayyashi hoga. Pehli kahani bilkul
vaise thei jaise maine shaadi ke pahle patrikaon mein padha karti thi.
Mere andar kaam vaasna badhne lagi. Yoni se sraav nikal rahe they aur
garmi badh rahi thi. Apne pairon ko ek dusre se ragad ragad kar apne
aap ko kaboo mein laane ki bekaar si koshish kar rahi thi.
Dusri kahani jaise padhnelagi mere masthisk mein dubara bijli chalne
lagi. Sex ki kahani toh thi lekin aurat aur mard ke kaamangon ka zikr
ek dum gandi aur asheel bhasha ki shabdon se ki gayi thi. Lund, choot
ityadi. Ghinonepan ke bajaye ek ajeeb si masti chaa gayi mujh mein.
Aise shabdon ko pad pad kar kaafi acha lag raha thaa. Upar se kahani ek
devar aur bhabi ki avaidh sex sambandh ke sharmnaak karnaamon ke bare
mein thi. Kahani ke anth mein dono kaafi khush hai apni paap se. Teesri
kahani ne to meri dimaag ki batti lagbag bhuja hi daali. Ek bhole bhale
ladke ki balatkaar usi ki sexy aur vaasna bhari kunwari mausi ne ki.
Iska varnan purey detail ke saath hua hai. Mausi aur didi ke betey ke
beech ki sex kissa kitni chaw se likha mastram saab ne. Jaise jaise
kahaniyan padthi gayi, aise hi avaidh aur aprakrutik shareerik
sambandhon ka khula varnan hota gaya. Yahan tak ki Sauteli maa aur bete
ke gande sex ki harkat bhi varnit they. Sab kahani padne par aisa lag
raha tha ki Mastram ji Aprakrutik sambandhon ko jor de rahe they aur
unka samardhan kar rahe they. Sex keli ki detailed varnan gande sbadon
ke saath kaafi dilchaspi se kiye. Aurat ke gupt baatein jaise maahwari,
sanitary napkin, ityadi ke baarey mein khulkar likha usne. Mastram
aurat aur mard ke beech ka pehla sampark aur uske baad us parichay ka
dhirey dhirey sex sambandh mein badalney ki kisse bade hunar se likhe.
Ab toh main puri tarah sex ki daasi ho gayi. Anek khayal aa rahe they.
Avaidh sambandh ke baarey mein kai kahayken ek saath aa rahe they.
Masti mein sab acha lag raha thaa. Un kitabon ki ek khanai mein varnit
ek mahila ki hasth maithun ke kisse se mujhmein prerna jaag uthi condom
mein bhari candle ko ling banakar apne yoni mein lagayi aur haath hila
hila kar vahi sex anubhav payi jo sach much kisi mard ke ang se milta
ho.
12 saal guzar gaye. Ek pura vanvaas! Pati sirf roti kapda aur makaan ka
guarantee ban gaya. TV, Video, magazine, cinema, bunayi, silayi ityaadi
ke sahare maine itne saal sookhi jeevan bitayi..Bache naa hona mere
pati par koi asar nahi dala. Woh jaanta tha ki dosh usi mein hai. Bahar
log kya soch rahe they kya maloom. Kuch saheliyon ko maine yuhi bataya
ki ham donon mein kisi ko bhi koi kamzori nahi thi aur har koshish ke
bavajood bahca nahi hua. Ichaon ko daba kar rakhi. Sex jab chedne lagta
toh haathon se hi nivaran karti thi. Kriya kam davai zyaada ban gayi
thi hast prayog mere liye. 32 saal ki thi. Abhi bhi javaan. Lekin ek 50
saal ki aurat si thi meri jeevan.
Ek din pati ne bataya ki unke behn ka beta hamare yahan aa raha tha.
Matric khatam kiya aur engineering ki padhai ke liye hamare sheher ke
ek college me daakhila le li. Pati chate the ki use apne ghar mein hi
rakh kar padhai mein madad de. Unka maanna tha ki woh to badkismat hai
lekin is ladke ki kaamyaabi mein koi kasar na chodi jaye aur iski
tarakki mein apni saphalta ko saakar kare. Main kya bolti? Aise hazaar
baaten sun chuki thi. Is ladke ke aane se meri gharelu kaam badthi par
usse zyada aur kuch nahi hoga. Aur phir is ladke ka kya dosh? Bechara
woh hamare haalat se kaisa juda? Usey tho padhai karni hai. Maine
manzoori de di aur ghar ki ek bedroom use de di taaki woh wahan padhai
kar sake.
Kuch din beet gaye. Bhaanja hamare ghar mein puri tarah se adjust ho
gaya. Zyaada baat nahi karta. Main bhi koyi dilchaspi nahi dikhayi. Bas
pati ke sambandhi hone ke naate uske rahan sahan, khaney, piney ityadi
ki prabandh karne lagi. Kaafi padaku tha. Har vakt moti kitabon mein
khoya rahta. Waqt ka paabandh tha aur waqt par college jata, shaam ko
jaldi vapas aata, padhai karta, thodi TV dekh leta aur so jata. Maatra
avsar ki baatein hua karti hamare beech. Zaroorat padti to mujhe maami
pukarta aur apni baat kar leta.
Mer zidagi mein uske aane se turant koi bdlaav nahih hua. Ek raat pati
dev jaldi so gaye. Kuch der mai TV dekhti rahi. Vaise bhi bedroom mein
aur kya kaam. TV bandh karke magazine padhne lagi. TV bandh karne par
chayi achanak ki sannate mein mujhe kuch sunayi dene laga. Aisa lag
raha tha ki ghar ki kisi kone mein koi bhaari lakdi ki box ki hilne ki
avaaz. Ghart mein ek do chuchundar ghoom rahe they. Shayad kitchen ke
almari mein chuchundar koi harkat kar rahe they. Maine kitchen ki
chanbeen ki lekin awaaz wahan se nahi aa rahi thi. Jaisde maine mehman
wali bedroom ke paas guzri woh awaaz aur spasht hui. Lagta hai bedroom
ki almari se aa rahi hai. Darwaza bandh tha. Bhaanja so chuka tha
isilye darwaze par dastak dekar usey jagaana munasif nahi samjha. Lekin
aisa laga ki darwaza puri tarah bandh nahin tha. Dhire se maine kholne
lagi ki gap se andar ka drushya turant saamne ayi aur maine darwaze ko
wahi ka wahi pakdi khadi rahi. Kamre me zyadatar andhera tha aur sirf
ek reading lamp ki roshni thi. Bhanja bistar ke chchor par pet ke bal
leta hua tha. Upar kambhal odh li thi. Bistar ke niche bagal mein farsh
par ek kitaab thi aur aisa lag raha tha ki woh jaga tha aur lete lete
nichey us kitaab ko padh raha tha. Bistar ke bagal mein table thi jis
par rakhe reading lamp ki roshni seedha us kitaab par padh rahi thi.
Padaku abhi bhi kuch padh raha hai maine socha. Lekin is ajeeb avastha
mein kyun padh raha hai? Aram se baith kar padh sakta hai. Tabhi is
ajeeb aasan ka uddeshya dikhai di. Bhanja aage peeche hil raha tha aur
uski nitamb kambal ke andar upar neeche hil raha tha. Aisa lag raha tha
jaise woh aage peeche upar neeche badi tezi se hil raha tha – shaayad
tezi se bistar se kuch ragad raha tha. Shaadi ki pehle ki sex siksha
aur suhaag raat ke anubavon ke badaulat mujhe saaf saaf samajh aayi ki
woh hast prayog kar raha hai. Lekin bina haath lagaye. Woh tho apne
mardangi ko bistar ki gadde se zoron se ragad kar rati sukh paa raha
tha. Isi se bistar hil rahi thi aur awaaz aa rahi thi. Shayad usey
aurat ke saath sex karne par hone wali anubhav ko mahsoos kar raha tha.
Kitab mein kya hai mujhe dekhne ki zaroorat nahi thi. Door se
thodi roshni mein saaf nazar to nahi aa raha tha lekin dekh sakti thi
ki ek panne par kuch auraton ke nange tasveer they…shayad kaam keli
mein leen aurat mard ke jude nangey jism bhi! Dusre panne par kuch
likha hua tha…shayad unke kaarnamon ka, unke nange jismon aur gupt
ango ka khula varnan. Mujhe is ’ghinoni’ harkat se us par kaafi gussa
aaya aur jee chaha hi andar jaakar rangay haath pakdu use aur daant
phatkaar de doon. Lekin aise kitaab maine bhi padhi aur haathon se sex
ka anubhav paayi thi javani mein. Jo vaasna mujhe un dinon mein hui thi
is ladke ko bhi hui hai. Yeh umar hi aisa hai. Sex ke prati aakarshan
is umar mein har ek ko hoti hai. Hasth prayog ek gupt cheez hai lekin
sabhi karte hai. Sex gyaan paane mein iska badha mahatva bhi hai. Main
chup chaap darwaza band kar di aur laut ayi. Usey apni privacy chahiye.
Kuch gussa toh tha. Yeh kaam apni ghar mein kar sakta tha…meri ghar
mein kyun? Phir sochi, apne ghar to chhuttiyon mein hi jayega…tab tak
is aag ko kaise jalne de? Koi baat nahi…yahin karo. Phir maine
socha…mere gadde aur chaddar par apna ras chodega….eeesh! Kitna
ganda kaam!!! Aisa kitney baar usney ras choda? Muh mein laar aur
peshaab ki tarah veerya bhi kaafi personal cheez hai. Dusron ke liye
achchoot si. Bechara aur kar bhi kya sakta hai. Mujhe subah chaddar
dhoney ke liye daalni hai. Gadde ko baad mein dekhungi.
Inhi khayalon mein magn hokar apne bedroom ki bistar par leth gayi.
Neend nahi aa rahi thi. Bhaanje ki harkat dimaag mein chaayi rahi.
Apney kunwari din yaad aye. Kab se kar raha tha yeh harkat? Padaku
budhdhu mein itni sex ki prerna kaisi? Kitab kaha se laya? Kya jaanta
hai sex ke barey mein? Veerya skhalan ke waqt seethkari bharta hai kya?
Charam sukh par kaisa feeling hota mardon ke liye? Khayal aur bhi
rangeen honey lage. Uska ling kaisa hai, kitna badha hai, veerya kaisa
hoga? Kya usne kisi ladki ke saath kiya? Uski koi girlfriend to nahi
jiske saath woh siex kiya ho? Kisne bataya ise svyam sukh ke barey
mein? Ladken svayam sukh paane ke liye ke kitne tareekon se apne ang ko
prerit karte hai? Ekanth mein hast maithun karney ke baad jab veerya
chodte to uska kya karte? Bhaanje ki veerya ka gandh kaisa hai.
Badan pura paseeney se bheeg gayi thi. Kaafi garam ho chuki thi. Turant
haathon se apni choti ko prerit karne lagi. Dimaag me vikrut
aalochanayen abhi bhi kuch bachi thi. Ji karne laga ki bhanje ki tarah
kaamang ko kisi cheez ke saath ragad kar sukh pauun? Meri nazar ek moti
mombatti par padhi jo aksar bijli jaane par jalati thi. Bistar ke bagal
ke table pe tha. Usey haath mein lekar aazmaayi. Kafi bada aur mota sa
tha…lambey samay tak jalne vaali. Mombatti ko bistar se lambayi ki
hisaab sat kar rakh diya theek us jagah jahan meri yoni padti jab main
leth jati.Phir maine theek upar leth gayi aur adjust ki taaki mombatti
ki lambayi meri yoni ke theek neeche ho. Yoni ko batti se dabayi toh ek
madhur anubhav hua. Yoni aur batti ke beech meri nighty aur petticoat
ke kapdey they.Is wajah se dard ya chubhan nahi thaa. Leth kar maine
jawani ki un kitabon ki kahaniyan yaad ki aur dheere se yoni ko batti
se ragadne lagi. 15 minute ke baad bijli ki ek tez jhatka sa feeling
mere masthisk mein bhar gayi aur mujhe samundar ki uthti girti unchi
leheron ke tarah ek atyant hi romanchak charm sukh ka anubhav hua. Zor
ki seetkariyan bharti hui us charam sukh ka anand liya maine. Pati dev
ko achi tarah malaoom tha ki main kabhi kabhi hast maithun kar leti
hoon. Kai baar meri siskiyan sunkar uth jaate aur gaur se mujhe
dekthey, Unke ankhon ke saamne he main apni yoni ko zoron se prerit
karte rahti aur madak swaron mein mil rahi sukh ka anand leti. Ab ki
zordaar seethkariyon se pati jaage aur boley ”Chup chaap karo na. Yaa
dusre kamre mein jaakar ragad lo”. Mujh par unke baaton ka koi asar
naki hua.. Nigthy aur petticoat yoni ke sraavon se gili ho chuki thi.
Shareer halka hua aur ek meethi neend meri battiyan bujha di.
Sab logon ke dimaag mein sex ki prerna aur dabav ke jaise nahi hoti.
Kuch logon mein sex ki ichcha bahut hoti hai toh kuch logon mein sex ki
ichcha maamuli si hoti hai. 19 saal ke umar mein Main un ladkiyon mein
se hoon jinme kaam vaasna aur rati ki ichcha kuch zyada hi ubhar uthi.
Shaadi mere liye us dvaar ka taala tha jisko kholna mere jaison kunvari
ladkiyon ke liye paabandh tha. Meri kuch saheliyon ke boyfriend they
jinke saath unhonen is dvaar ko todh daale. Par mein aisi parivar se
thi jahan ichchaon ko laaj aur izzat ke bal par daba deni chahiye.
Shaadi ke baad koi paabandhi nahin hai.
Kam umar mein shaadi ho gayi thi lekin mera shareer shaadi se puri
tarah se sahmat thi. Kam umar mein hi meri mahwaari shuru ho gayi thi
aur mein paripakwa ho gayi thi ek mard ko sukh dekar uski bachey ki maa
banne ke liye. 19 saal ki umar mein meri jism ek 25 saal ki aurat ki
jawani se bhari thi. Suhaag raat ko maine sirf thode hi der tak laaj
sharm ki dhong ki aur pehle hi raat main ladki se aurat ban gayi jab
mere pati ne meri kaumarya bhang karte apni javani ko mere yauvan me
saamaa di aur apna beej bo diye. Puri tarah se vivastra, maine har
ullanghan ko tod di aur pati ko apni achooyi marmaang khulkar paros di.
Patidev nein meri un har ang ko daba daba kar tatole aur choomne lage
jinhe aaj taj mere siva aur koi nahi dekhe. Pati ki us madbhari sakht
mardangi ko jab maine apne haath mein li to mera man us madhur anubhav
ko puri tarah se sambhaal nahi paya aur mein kaamuk seetkariyan bharthi
hui use daba daba kar apne mad bhari youn ang se mila di.
Suhaag raat vaise hi kati jaise maine sapna dekha. Par meri zindagi
sirf ek din ki khusi thi. Pati ki choti soch, choti aatma samman,
nikammapan ityadi bahut jaldi hi bahar aaye. Khushi ke kuch pal jaldi
hi khatam ho gaye aur hamare beech ek barf ki deewar banne lagi joh
seedhe bistar par khatam ho rahi thi. Pati apne kamzoriyon ko patni par
zaahir karne lag gaye toh shaadi ki garmi lagbhag khatam hi samjho.
Bilkul mere mata pita ki tarah pati bhi meri khubsurati se pareshan
the. Unki naakaamyaabi mere khubsoorati se har pal haar rahi thi. Unke
zehen mein ek hi khayal tha ki log yahi baat kar rahe honge ki aise
haseen biwi ke saath aisa nakamyab insaan kaisa? Is chote kahayal ke
vajah se voh mere saath ankhen milana bhi chod diye. Bistar par barf ki
deewar jam chuki thi aur hamare donon ke beech meelon ka faasla bana di
jiske karan hamari milan puri tarah se bandh ho gayi. 20 saal ke umar
mein hi meri vivahit jeevan ka aahri patta gir chuka tha. Kabhi Kabhi
unke man mein thodi si aatma vishwas ubharti aur woh raat ko mere upar
chad jaate mujhe aazmane ke liye. Aise maukon par mein bhi kulkar unka
saath deti yahi sochkar ki bhujti diye mein tel daal kar jyoti ko aur
tej karoon. Lekin jyoti thodi der mein hi bhuj jaati aur woh bina kuch
haasil kiye hi dher ho jaate. Aur woh diya mere andar aisi aag lagakar
bujh jaati jo mujhe raat bhar jalati rehti aur aakhir maike ki
saheliyon se mili hast prayog ke upchar se khudh ko shaant karti.
Pitaji is berang shaadi ko apni naakaamyabi ke kisson mein ek aur kissa
banakar muh modh liye. Behnen bachon ke parvarish mein magn mujhse door
ho gaye. Maa bhi kya karti, khudh haalat se majboor mujhe bhi vahi
naseeyat deti jo unhonen apni jeevan mein istemaal kiya…haalat se
sulah karlo aur puja paath mein lage raho!!! 20 saal ki umar mein puja
paath kaisa hoga jab man aur tan ki maangen zor pakad rahi hai. Man ko
kaise kaboo kare? Javaani ki aag ko kaise bhuja de?

Jawani ki Dehleez aur Umar 20