लिंग बाहर खींच कर वीर्य स्खलन... जानिए, कुछ जरूरी बातें:
लिंग बाहर खींच कर वीर्य स्खलन' की गर्भ निरोधन प्रक्रिया के कई नाम हैं। और कई नामों के साथ साथ इसके जुडी उतनी ही गलत धारणाएं भी प्रचलित हैं। इस पौराणिक गर्भनिरोधन प्रणाली से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में आप यहाँ जान सकते हैं:
मिथ्या- लिंग बाहर निकाल कर वीर्य स्खलन गर्भ से बचने का अचूक तरीका है
ये तरीका साधारण है, स्खलन से ठीक पहले लिंग बाहर खींच लिया जाये ताकि योनि के अंदर वीर्य न पहुंचे। ये तरीका कारगर तो हो सकता है लेकिन सौ फीसदी कामयाब नहीं।
इस तरीके का प्रयोग सही तरीके से किया जाये तब भी 100 में से 4 महिलाओं को गर्भ ठहर ही जाता है। और जिन लोगों ने इस काम में दक्षता हासिल नहीं की है, उन लोगों में गर्भ ठहरने का हर साल का प्रतिशत 27 तक पाया गया। यदि पुरुष सही समय पर लिंग बाहर खींच भी ले तो भी गर्भ ठहरने की पूरी सम्भावना को नाकारा नहीं जा सकता क्यूंकि सेक्स के दौरान संभव है की थोड़ी मात्रा में वीर्य का रिसाव हो रहा हो और आप अनभिज्ञ हों। यही छोटी मात्रा का रिसाव गर्भ की वजह बन सकता है।
मिथ्या- लिंग बाहर निकल कर स्खलन करना आसान क्रिया है
यह सुनने में आसान भले ही लगता हो, लेकिन असल में उतना आसान नहीं है, खासकर उनके लिए जो हाल ही में ये तरीका अपनाने लगे हैं। इसके लिए दोनों साथियों में सही तालमेल की ज़रूरत होती है। अनचाहे गर्भ के खतरे से सुरक्षा के लिए ज़रूरी है की आप कोई और विश्वसनीय तरीका अपनाएं।
सही समय पर लिंग खींचना:
मिथ्या- सही समय पर लिंग खींच लेने के लिए पुरुषों पर भरोसा किया जा सकता है वो जोड़े जिनमें आत्म-नियंत्रण, अनुभव और विश्वास हो, इस तरीके का उपयोग सही तरीके से कर सकते हैं। अगर तीनो में से एक भी चीज़ की कमी हो तो बेहतर है की कोई और तरीका अपनाया जाये।
जो पुरुष इस तरीके का प्रयोग करते हैं, उन्हें इस बात का सही अंदाज़ा होना चाहिए की कब उनका स्खलन होने वाला है, क्यूंकि गलती की गुंजाइश बहुत काम है।
इसलिए यह तरीका अनुभवहीन या शीघ्रपतन से जूझ रहे पुरुषों के लिए उपयुक्त नहीं है। क्यूंकि अगर सही समय पर लिंग बाहर न निकला जाये तो गर्भ ठहर सकता है।
मिथ्या- लिंग बाहर निकाल कर स्खलन करना कारगर नहीं है
इस तरीके को अक्सर असरदार तरीका नहीं माना जाता जबकि सच ये है की 60 प्रतिशत जोड़ों ने इसका प्रयोग कभी न कभी ज़रूर किया है।
हालाँकि गटमाकर संस्थान, न्यूयॉर्क द्वारा की गयी रिसर्च से पता चलता है की अगर लिंग को सही समय बाहर निकाल लिया जाये तो अनचाहे गर्भ से 96 फ़ीसदी तक बचा जा सकता है। कंडोम की मदद से इस बचाव की संख्या है 98 फीसदी। ज़्यादा फर्क नहीं, है ना?
सही तरीके से अंजाम दिया जाये तो ये अवश्य एक कारगर तरीका हो सकता है। बात ये है की हर बार इसे सही अंजाम देना शायद आसान नहीं है। लेकिन फिर भी, कोई तरीका इस्तेमाल ना करने से बेहतर ये तरीका ही है।
मिथ्या- इसका प्रयोग सिर्फ गैर ज़िम्मेदार लोग करते हैं
हाल ही के एक अमरीकी अध्यन से पता चलता है की 5 फीसदी लोग गर्भ से बचाव के लिए केवल इसी तरीके का प्रयोग करते हैं, 15-44 साल की 60 फीसदी महिलाओं ने इस तरीके का इस्तेमाल कभी ना कभी किया है।
लिंग बाहर खींच कर वीर्य स्खलन' की गर्भ निरोधन प्रक्रिया के कई नाम हैं। और कई नामों के साथ साथ इसके जुडी उतनी ही गलत धारणाएं भी प्रचलित हैं। इस पौराणिक गर्भनिरोधन प्रणाली से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में आप यहाँ जान सकते हैं:
मिथ्या- लिंग बाहर निकाल कर वीर्य स्खलन गर्भ से बचने का अचूक तरीका है
ये तरीका साधारण है, स्खलन से ठीक पहले लिंग बाहर खींच लिया जाये ताकि योनि के अंदर वीर्य न पहुंचे। ये तरीका कारगर तो हो सकता है लेकिन सौ फीसदी कामयाब नहीं।
इस तरीके का प्रयोग सही तरीके से किया जाये तब भी 100 में से 4 महिलाओं को गर्भ ठहर ही जाता है। और जिन लोगों ने इस काम में दक्षता हासिल नहीं की है, उन लोगों में गर्भ ठहरने का हर साल का प्रतिशत 27 तक पाया गया। यदि पुरुष सही समय पर लिंग बाहर खींच भी ले तो भी गर्भ ठहरने की पूरी सम्भावना को नाकारा नहीं जा सकता क्यूंकि सेक्स के दौरान संभव है की थोड़ी मात्रा में वीर्य का रिसाव हो रहा हो और आप अनभिज्ञ हों। यही छोटी मात्रा का रिसाव गर्भ की वजह बन सकता है।
मिथ्या- लिंग बाहर निकल कर स्खलन करना आसान क्रिया है
यह सुनने में आसान भले ही लगता हो, लेकिन असल में उतना आसान नहीं है, खासकर उनके लिए जो हाल ही में ये तरीका अपनाने लगे हैं। इसके लिए दोनों साथियों में सही तालमेल की ज़रूरत होती है। अनचाहे गर्भ के खतरे से सुरक्षा के लिए ज़रूरी है की आप कोई और विश्वसनीय तरीका अपनाएं।
सही समय पर लिंग खींचना:
मिथ्या- सही समय पर लिंग खींच लेने के लिए पुरुषों पर भरोसा किया जा सकता है वो जोड़े जिनमें आत्म-नियंत्रण, अनुभव और विश्वास हो, इस तरीके का उपयोग सही तरीके से कर सकते हैं। अगर तीनो में से एक भी चीज़ की कमी हो तो बेहतर है की कोई और तरीका अपनाया जाये।
जो पुरुष इस तरीके का प्रयोग करते हैं, उन्हें इस बात का सही अंदाज़ा होना चाहिए की कब उनका स्खलन होने वाला है, क्यूंकि गलती की गुंजाइश बहुत काम है।
इसलिए यह तरीका अनुभवहीन या शीघ्रपतन से जूझ रहे पुरुषों के लिए उपयुक्त नहीं है। क्यूंकि अगर सही समय पर लिंग बाहर न निकला जाये तो गर्भ ठहर सकता है।
मिथ्या- लिंग बाहर निकाल कर स्खलन करना कारगर नहीं है
इस तरीके को अक्सर असरदार तरीका नहीं माना जाता जबकि सच ये है की 60 प्रतिशत जोड़ों ने इसका प्रयोग कभी न कभी ज़रूर किया है।
हालाँकि गटमाकर संस्थान, न्यूयॉर्क द्वारा की गयी रिसर्च से पता चलता है की अगर लिंग को सही समय बाहर निकाल लिया जाये तो अनचाहे गर्भ से 96 फ़ीसदी तक बचा जा सकता है। कंडोम की मदद से इस बचाव की संख्या है 98 फीसदी। ज़्यादा फर्क नहीं, है ना?
सही तरीके से अंजाम दिया जाये तो ये अवश्य एक कारगर तरीका हो सकता है। बात ये है की हर बार इसे सही अंजाम देना शायद आसान नहीं है। लेकिन फिर भी, कोई तरीका इस्तेमाल ना करने से बेहतर ये तरीका ही है।
मिथ्या- इसका प्रयोग सिर्फ गैर ज़िम्मेदार लोग करते हैं
हाल ही के एक अमरीकी अध्यन से पता चलता है की 5 फीसदी लोग गर्भ से बचाव के लिए केवल इसी तरीके का प्रयोग करते हैं, 15-44 साल की 60 फीसदी महिलाओं ने इस तरीके का इस्तेमाल कभी ना कभी किया है।
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