कामसूत्र है प्रेम का आधार:
कामसूत्र... यह नाम सुनते ही आपके मन-मस्तिष्क में सबसे पहला शब्द आता होगा सेक्स। लेकिन, क्या कामसूत्र को केवल सेक्स से जोड़कर देखना ठीक होगा। शायद नहीं... कामसूत्र जीवनशैली के बारे में बात करती है, न सिर्फ केवल सेक्स के बारे में। इसमें बताया गया है कि जीवनशैली किस तरह सेक्स जीवन को प्रभावित करती है।
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी का असर वैवाहिक संबंधों पर भी पड़ा है। शारीरिक संसर्ग उत्साह और आनंद के लिए नहीं, अपितु केवल औपचारिकता के लिए किए जाने लगे हैं। तमाम सेक्स सर्वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि वैवाहिक जोड़ों में सेक्स के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही है। लेकिन, कामसूत्र के वास्तविक ज्ञान को अपने वैवाहिक जीवन में अपनाकर उसे हमेशा तरोताजा रखा जा सकता है।
कामसूत्र का अर्थ है सेक्स की सही जानकारी। सेक्स के बारे में समाज में व्याप्त मिथ और भ्रामक जानकारियों को दूर करने में भी कामसूत्र मदद करता है। कामसूत्र का मतलब केवल सेक्स संबंध ही जीवन नही है बल्कि पारिवारिक जीवन का सही तरीके से निर्वहन भी कामसूत्र है।
कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि प्रेम और संभोग किस तरह एक दूसरे पर आश्रित हैं। कामसूत्र सिखाता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम।
प्रेम केवल मन या दिल में नहीं पनपता। यह शरीर में भी होता है। कामसूत्र में उन्होंने बताया है कि यदि स्त्री-पुरुष एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करना महत्वहीन है। प्रेम का आरंभ तो शरीर से ही होता है। पहले शरीर ही शरीर को देखता है। यदि पुरूष में पौरुषत्व है और स्त्री उसकी तरफ आकर्षित है तो एक दूसरे के मोहपाश से बचना असंभव है।
सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं। काम (सेक्स) के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बंधने को तैयार होते हैं। कामसूत्र में काम (सेक्स संबंध बनाने के तरीके) के विभिन्न प्रकार के आसनों के बारे में भी बताया गया है। कामसूत्र का उद्देश्य उत्तेजित करना नहीं वरन् सेक्स और उससे जुड़े मुद्दों पर सही ज्ञान देना है। इसमें संभोग के हर पहलू को विस्तार से वर्णित किया गया है।
कामसूत्र... यह नाम सुनते ही आपके मन-मस्तिष्क में सबसे पहला शब्द आता होगा सेक्स। लेकिन, क्या कामसूत्र को केवल सेक्स से जोड़कर देखना ठीक होगा। शायद नहीं... कामसूत्र जीवनशैली के बारे में बात करती है, न सिर्फ केवल सेक्स के बारे में। इसमें बताया गया है कि जीवनशैली किस तरह सेक्स जीवन को प्रभावित करती है।
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी का असर वैवाहिक संबंधों पर भी पड़ा है। शारीरिक संसर्ग उत्साह और आनंद के लिए नहीं, अपितु केवल औपचारिकता के लिए किए जाने लगे हैं। तमाम सेक्स सर्वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि वैवाहिक जोड़ों में सेक्स के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही है। लेकिन, कामसूत्र के वास्तविक ज्ञान को अपने वैवाहिक जीवन में अपनाकर उसे हमेशा तरोताजा रखा जा सकता है।
कामसूत्र का अर्थ है सेक्स की सही जानकारी। सेक्स के बारे में समाज में व्याप्त मिथ और भ्रामक जानकारियों को दूर करने में भी कामसूत्र मदद करता है। कामसूत्र का मतलब केवल सेक्स संबंध ही जीवन नही है बल्कि पारिवारिक जीवन का सही तरीके से निर्वहन भी कामसूत्र है।
कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि प्रेम और संभोग किस तरह एक दूसरे पर आश्रित हैं। कामसूत्र सिखाता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम।
प्रेम केवल मन या दिल में नहीं पनपता। यह शरीर में भी होता है। कामसूत्र में उन्होंने बताया है कि यदि स्त्री-पुरुष एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करना महत्वहीन है। प्रेम का आरंभ तो शरीर से ही होता है। पहले शरीर ही शरीर को देखता है। यदि पुरूष में पौरुषत्व है और स्त्री उसकी तरफ आकर्षित है तो एक दूसरे के मोहपाश से बचना असंभव है।
सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं। काम (सेक्स) के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बंधने को तैयार होते हैं। कामसूत्र में काम (सेक्स संबंध बनाने के तरीके) के विभिन्न प्रकार के आसनों के बारे में भी बताया गया है। कामसूत्र का उद्देश्य उत्तेजित करना नहीं वरन् सेक्स और उससे जुड़े मुद्दों पर सही ज्ञान देना है। इसमें संभोग के हर पहलू को विस्तार से वर्णित किया गया है।
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